हरिद्वार (Haridwar) । उत्तराखंड (Uttarakhand) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. उत्तराखंड हाई कोर्ट (High Court) में एक हिंदू लड़की (hindu girl) ने याचिका दाखिल कर कलियर शरीफ में नमाज (Namaz) पढ़ने की अनुमति मांगी है. साथ ही उसने कोर्ट से सुरक्षा की भी मांग की है. मामले में वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में सुनवाई हुई. कोर्ट ने लड़की को सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. मामले में अगली सुनवाई 22 मई को होगी.
दरअसल, मध्य प्रदेश की भावना (22 साल) नाम की लड़की हरिद्वार स्थित सिडकुल में एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है. उसके साथ फरमान (35 साल) नाम का युवक भी कंपनी में ही नौकरी करता है. लड़की ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा था कि उसका नमाज पढ़ने का मन करता है और वो अपने सहकर्मी के साथ कलियर शरीफ में नमाज पढ़ना चाहती है. मगर, पिरान कलियर में नमाज अदा करने के लिए जब वह जाती है तो कुछ संगठन उसका विरोध करते हैं.
लड़की ने धार्मिक स्वतंत्रता का मामला बताया
लड़की ने याचिका में इसे अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का मामला बताया है. हालांकि, मंगलवार को भी याचिका पर सुनवाई हुई थी. जिसमें न्यायाधीश मनोज तिवारी और न्यायाधीश पंकज पुरोहित की पीठ ने लड़की को गुरुवार को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा था.
सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछे ये सवाल
इस पर गुरुवार को सुनवाई हुई. खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को नमाज पढ़ने की इजाजत देते हुए पुलिस सुरक्षा देने के आदेश दिए. अदालत ने कहा कि जब वह नमाज पढ़ने जाए तो उससे पहले वह एक प्रार्थना पत्र संबंधित थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को दे. एसएचओ उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराएं. सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि आपने धर्म नहीं बदला है फिर आप वहां नमाज क्यों पढ़ना चाहती हैं.
‘…इसलिए वहां नमाज पढ़ना चाहती है’
इस पर याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वह इससे प्रभावित है, इसलिए वहां नमाज पढ़ना चाहती है. अदालत को यह भी बताया कि उन्होंने शादी नहीं की है और न ही वह अपना धर्म बदलना चाहती है. वह हिंदू धर्म की अनुयायी है और बिना किसी डर, आर्थिक लाभ, भय या दबाव के कलियर में इबादत करना चाहती है.
भावना ने न्यायालय से प्रार्थना करते हुए कहा कि हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निर्देशित कर उन्हें व उनके परिवार को सुरक्षा दिलाई जाए. कोर्ट ने भावना को नमाज पढने जाने पर सुरक्षा प्रदान करने के आदेश करते हुए अगली सुनवाई 22 मई को तय की है.
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