पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक दे गए चौंकाने वाली जानकारी, 2025 तक गेज कन्वर्जन पूरा करने का लक्ष्य
इंदौर। पश्चिम रेलवे (Western Railway) से पीथमपुर (Pithampur) के पास इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट ( Indore-Dahod Rail Line Project) की एक सुरंग (Tunnel) 10 साल से तो बन नहीं पा रही है और अब महू-सनावद (Mhow-Sanawad) गेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट (Gauge Conversion Project) के तहत 21 और सुरंगें बनाने की तैयारी हो रही है। ये सुरंगें सबसे दुर्गम पातालपानी-बलवाड़ा सेक्शन (Patalpani-Balwada Section) के बीच बनाई जाएंगी। बुधवार को इंदौर आए पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) ने यह चौंकाने वाली जानकारी दी। अब तक 13, 13 या 16 सुरंगें बनने की चर्चा थी, लेकिन 21 सुरंगों के आंकड़े ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया है।
जीएम के साथ राइट्स के प्रबंध निदेशक राहुल मित्थल और रतलाम मंडल के डीआरएम रजनीश कुमार समेत अन्य अधिकारी भी आए थे। राइट्स कंपनी ही पातालपानी गेज कन्वर्जन का फाइनल लोकेशन सर्वे कर रही है। यह काम कंपनी को पिछले साल जून में दिया गया था और तब दावा किया गया था कि नवंबर तक राइट्स अपनी सर्वे रिपोर्ट दे देगी। मई आ चुका है, सर्वे पूरा नहीं हो सका है। सर्वे में बड़ी लाइन का अलाइनमेंट और सुरंगों को लेकर तरह-तरह की तकनीकी समस्याएं सुलझाने के लिए ही आला अधिकारी इंदौर आए थे। जीएम ने पत्रकारों को बताया कि अगस्त 23 तक राइट्स की रिपोर्ट आ जाएगी। तब तक पश्चिम रेलवे गेज कन्वर्जन के टेंडर तैयार कर लेगा। सर्वे फाइनल होते ही टेंडर बुलाने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। जीएम ने बताया कि सर्वे टीम में पुरुषों के साथ महिलाएं पहाड़ों पर चार-पांच किलोमीटर भीतर जाकर सर्वे कर रही हैं।
अलग-अलग पैकेज में होंगे टेंडर
जीएम ने बताया कि 2025 तक महू-सनावद गेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है। नर्मदा नदी पर बड़ी लाइन का उच्चस्तरीय पुल बनना शुरू हो गया है। रेल लाइनों के निर्माण के टेंडर ईपीसी आधार पर बुलाए जाएंगे, जिनमें सिग्नलिंग, निर्माण, टेलीकॉम आदि का एक ही टेंडर होता है। सुरंगें बनाने के लिए भी अलग-अलग पैकेज में टेंडर सौंपे जाएंगे। इससे काम जल्द पूरा हो सकेगा। जीएम ने बताया कि इंदौर-दाहोद प्रोजेक्ट के तहत धार से झाबुआ के बीच माछलिया घाट वाले हिस्से में रेल लाइन और सुरंगों का सर्वे भी राइट्स ही कर रही है। उक्त हिस्से में तीन सुरंगें बनाई जाएंगी। यह काम भी ईपीसी टेंडर के आधार पर अलग-अलग पैकेज में होगा। धार-झाबुआ के बीच रेल लाइन बिछाने के लिए अगले दो-तीन महीने में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो करने की तैयारी है। वहां वन विभाग की जमीनें भी लेना पड़ेंगी। पीथमपुर की सुरंग को लेकर जीएम बोले कि वहां काम शुरू हो गया है। ड्रिलिंग मशीन लाई गई हैं। काम तेज करने के लिए विस्फोट किए जाएंगे, जिसकी अनुमति संबंधित जिला प्रशासन से मांगी जा चुकी है। इसमें 10-15 दिन का समय और लगेगा।
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