कोलकाता (Kolkata) । अंडमान सागर से सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी (southeast bay of bengal) के ऊपर बना एक कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) के रूप में विकसित हो चुका है। ‘मोचा’ नाम का यह चक्रवात भारत से नहीं टकराएगा। अब यह बांग्लादेश और म्यांमार (Bangladesh and Myanmar) के तट से टकरा सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दावा किया है कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र एक अवसाद के रूप में बदल चुका है। यह उत्तर की ओर बढ़ रहा है और 10 मई तक एक चक्रवाती तूफान के रूप में तब्दील हो जाएगा।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मोचा के मार्ग को समझने में मदद करने के लिए स्टीयरिंग हवाएं स्पष्ट नहीं हैं। भारत (India) में इससे नुकसान का खतरा कम है, क्योंकि 12 मई तक यह उत्तर-उत्तरपश्चिम की तरफ बढ़ेगा और फिर उसके बाद बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ निकल जाएगा।
अंडमान सागर में नहीं जाने की सलाह
आईएमडी ने मछुआरों, छोटी नाव चलाने वालों, बड़ी नाव और ट्रॉलर (big boat and trawler) चलाने वालों को मंगलवार के बाद से दक्षिण पूर्व और मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तर अंडमान सागर में नहीं जाने की सलाह दी है। आईएमडी ने कहा कि कम दबाव के क्षेत्र के डिप्रेशन में बदलने के चलते अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में गुरुवार तक कहीं हल्की तो कही मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है।
60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना है। पूर्वानुमान के अनुसार अगर चक्रवात गंभीर रूप लेता है तो हवा की गति 120-170 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। यह उत्तर-पश्चिमी हवाओं को मजबूत करेगा, जिसके कारण देश भर में तापमान में वृद्धि होगी। उच्च दबाव का क्षेत्र और एंटी-साइक्लोनिक मूवमेंट पाकिस्तान और आस-पास के क्षेत्रों से शुष्क व गर्म हवाओं को भारतीय क्षेत्र की ओर खींचेगा।
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