नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने आबकारी नीति घोटाले में (In Excise Policy Scam) मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आरोपी (Accused in a Money Laundering Case) व्यवसायी पी. सरथ चंद्र रेड्डी को (To Businessman Sarath Chandra Reddy) चिकित्सकीय आधार पर (On Medical Ground) जमानत दे दी (Granted Bail) । जमानत देने पर न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि उचित और प्रभावी इलाज का अधिकार बीमार और कमजोर लोगों के पास है।
न्यायमूर्ति ने कहा कि जेल में आरोपी को बुनियादी इलाज दिया जा सकता है, लेकिन मौजूदा मामले में विशेष इलाज और निगरानी की जरूरत है, जिसकी व्यवस्था अदालत नहीं कर सकती। चूंकि रेड्डी को फ्लाइट रिस्क के रूप में दिखाने वाला कोई मैटेरियल रिकॉर्ड पर नहीं थी, कोर्ट ने कहा कि उनका स्वास्थ्य खराब है और वह जमानत पर रिहा होने के योग्य हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि रेड्डी को यात्रा के लिए अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, कोर्ट ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने, अपना पासपोर्ट सरेंडर करने, जांच अधिकारी के सामने पेश होने और अपने मोबाइल फोन को ऑन रखने जैसी कुछ शर्तें लगाईं।
न्यायमूर्ति शर्मा ने स्पष्ट किया कि आदेश आरोपी की चिकित्सीय स्थिति को देखते हुए मामले के गुण-दोष पर विचार किए बिना पारित किया गया था और इसे मिसाल के तौर पर नहीं लिया जाएगा। रेड्डी का समर्थन करते हुए, उनके वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह बीमार और दुर्बल है और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 45 के तहत जमानत के हकदार है।
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