नई दिल्ली। एयर इंडिया ने अपने पायलटों को संशोधित मुआवजा ढांचा (रिवाइज्ड कंपनसेशन स्ट्रक्चर) स्वीकार करने के लिए और समय दिया है। हालांकि, इस ढांचे का दो पायलट यूनियनों ने विरोध किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया ने अपने कई पायलटों के साथ उनकी चिंताओं के बारे में बातचीत की। इसके बाद फैसला लिया गया कि जिन पायलटों ने अभी तक नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, उन्हें अभी थोड़ा और समय सोचने विचारने के लिए दिया जाए। इस दौरान पायलट गंभीरता से सोच कर फैसला लें कि उन्हें क्या करना है।
एयर इंडिया ने साधी चुप्पी
बता दें, एयरलाइन ने नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए इस सप्ताह के अंत तक का समय दिया है। हालांकि समय सीमा बढ़ाने पर एयर इंडिया की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई।
गो फर्स्ट के पायलट तलाश रहे अवसर
गौरतलब है, इससे पहले नए अनुबंधों को स्वीकार करने की समय सीमा 30 अप्रैल थी, जो खत्म हो चुकी है। अब समय बढ़ाने का फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब संकटग्रस्त गो फर्स्ट ने उड़ान बंद कर दी है और इसका भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। ऐसे में इसके पायलट कहीं और नौकरी के अवसर तलाश रहे हैं।
800 पायलट हुए इकट्ठे
सूत्रों ने कहा कि लगभग 800 पायलट ने नए ढांचे को स्वीकार नहीं किया था। यह सभी चार मई को टाउन हॉल में शामिल हुए। इसे एयर इंडिया के परिचालन प्रमुख कैप्टन राजविंदर सिंह संधू ने संबोधित किया। इस बैठक में शामिल एक पायलट ने कहा कि संधू ने भरोसा दिया था कि सभी मुद्दों को सुलझाया जाएगा और संशोधित अनुबंधों के किसी भी खंड का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा।
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