लखनऊ (Lucknow )। इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पापुरलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) से जुड़े करीब 70 संदिग्ध लोगों को उत्तर प्रदेश (UP) के विभिन्न जिलों से एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (ATS) की टीमों ने हिरासत में लिया है। देश विरोधी गतिविधि को लेकर हुई इस कार्रवाई की गोपनीयता बनाए रखी गयी है।
एटीएफ मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत में वर्ष 2022 में पीएफआई के बैन लगाये जाने के बाद भी उससे जुड़े लोग गतिविधियों को संचालित कर रहे थे। तमाम साक्ष्यों के आधार पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पीएफआई से जुड़े 211 संदिग्धों को चिन्हित किया गया। इसके बाद एटीएस के अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) नोडल आधिकारी बनाते हुए एटीएस की फील्ड इकाई नोएडा, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, लखनऊ, बहराइच, वाराणसी सहित आजम को सक्रिय कर छापेमारी की गई। इस छापेमारी 30 विशेष टीमों का गठन किया गया था।
पूरे प्रदेश में हुई कार्रवाई के दौरान लखनऊ से नौ, गाजियाबाद से 10, वाराणसी से आठ, शामली से 11, बिजनौर में पांच, मेरठ में चार, मुजफ्फरनगर, बाराबंकी,आजमगढ़ से तीन-तीन, देवरिया, बहराइच, कानपुर नगर से दो-दो और सीतापुर, बलरामपुर, बुलंदशहर, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर और अमरोहा से एक-एक संदिग्धों को उठाया है।
एसटीएस की टीमें इन सभी संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही है। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों एवं उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटीज की जानकारी के लिए इलेक्ट्राॅनिक गैजेट्स का डेटा विश्लेषण किया जा रहा है। पूछताछ एवं डेटा विश्लेषण के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि एटीएस एवं अन्य सहयोगी इकाई द्वारा प्रदेश स्तर पर सयुंक्त कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित संगठन से जुड़े सक्रिय 21 सदस्यों के खिलाफ जनपद मेरठ, बाराबंकी, वाराणसी, लखनऊ, अलीगढ़ एवं अयोध्या में अभियोग पंजीकृत कराये गए। साथ निरंतर कार्रवाई करते हुए साक्ष्यों के आधार पर लगभग 132 संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की गई। विशेष गठित ट्रिब्युनल में यूपी एटीएस की प्रभावी पैरवी एवं प्रस्तुत सबूतों से संतुष्ट होकर पीएफआई और इसके आठ अनुषांगिक संगठनों पर प्रतिबंध को जायज ठहराया गया। एजेंसी/हिस
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