नई दिल्ली। पाकिस्तान में रहकर आतंकी नेटवर्क चलाने वाले खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवर की शनिवार को लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पंजवर जब मॉर्निंग वॉक कर रहा था जो तभी जब दो बंदूकधारी वहां पहुंचे और उस पर गोलियां बरसा दी। पंजवर को पाकिस्तानी सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराई थी इसके बावजूद भी उसकी हत्या हो गई। गिया जबकि दूसरा घायल हो गया.
विदेश में मारे जा रहे हैं आतंकी
पंजवर ही नहीं विदेश में कई भारत विरोधी आतंकी हाल के दिनों में विदेश में मारे गए हैं। इनमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इन भारत विरोधी आतंकवादियों की हत्या हो चुकी है, आपको बताते हैं कि कब-कब विदेश में भारत विरोधी आतंकी निशाना बने हैं।
बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज- जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के रहने वाले बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की पाकिस्तान में अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी. हिजबुल मुजाहिदीन के लॉन्चिंग कमांडर रहे बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम को रावलपिंडी में गोलियों से भून दिया गया था. पिछले ही साल भारत सरकार ने उसे आतंकी घोषित किया था. वह रावलपिंडी में बैठकर ही जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए रसद और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने का काम करता था.
कौन था पंजवर
परमजीत सिंह पंजवर का जन्म 1960 में पंजाब के तरनतारन स्थित पंजवर गांव में हुआ था. 1986 में चचेरे भाई की हत्या के बाद वह खालिस्तान कमांडो फोर्स में शामिल हो गया. इससे पहले वह सोहल में केंद्रीय सहकारी बैंक में नौकरी करता था. जब भारत सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू किया तो वह 1992 में पाकिस्तान भाग गया.वह भारत में लूट, हत्या, आतंकी हमले में शामिल रहा और ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सेना प्रमुख जनरल अरुण वैद्य की हत्या भी शामिल था. 30 साल से वांछित चल रहे पंजवर पर सरकार ने पांच लाख रूपये का इनाम घोषित कर रखा था.
पाकिस्तान से चला रहा था संगठन
परमजीत वर्तमान में पाकिस्तान के लाहौर में ही रहकर काम कर रहा था. वह पाकिस्तान में युवाओं के लिए हथियारों की ट्रेनिंग की व्यवस्था कर रहा था. साथ ही भारत में VIPs पर हमला करने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करता था. वह अल्पसंख्यकों को भारत सरकार के खिलाफ भड़काने के उद्देश्य से रेडियो पाकिस्तान पर देशद्रोही और अलगाववादी कार्यक्रम प्रसारित कर रहा था. वह ड्रग्स की तस्करी में भी सक्रिय था और तस्करों व आतंकवादियों के बीच एक प्रमुख माध्यम था.
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