बंध पत्रित और पीजी स्टूडेन्ट्स संभालेंगे मोर्चा, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
इंदौर। सरकारी अस्पतालों (Govt. Hospital) के डाक्टर सहित संविदा कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा के बाद जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। 240 निजी अस्पतालों के डाक्टरों और सैकड़ों की तादाद में स्टाफ की व्यवस्था की गई हैं। बंध पत्रित डाक्टर और पीजी स्टूडेन्ट्स जहां अस्पतालों में मोर्चा संभाल रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री (CM) के निर्देश के बाद कलेक्टर ने तहसीलदार और रेवेन्यू अफसरों (Collector told Tehsildar and Revenue officers) की तैनाती अस्पतालों में की है।
पीसी सेठी, हुकुमचंद पाली क्लीनिक, जिला अस्पताल, एम.वाय. अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी में भर्ती गंभीर मरीजों की फजीहत न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है। 110 डाक्टरों को जहां जिले के अस्पतालों में तैनात किया गया है, वहीं 130 डाक्टरों और टीम को एम.वाय. अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी में भर्ती मरीजों के लिए सुनिश्चित किया गया है। कलेक्टर इलैयाराजा टी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रेवेन्यू आफिसरों को भी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को संभालने के लिए तैनात किया गया है। तहसीलदार व एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों की व्यवस्थाएं संभालेंगे। कलेक्टर के निर्देश के अनुसार प्रत्येक अधिकारी अस्पतालों में दौरा कर मरीजों को मिल रहीं सुविधाओं और इलाज सुनिश्चित करेंगे।
आयुष्मान पैनल के अस्पताल अलर्ट
अरविंदो अस्पताल, इंडेक्स मेडिकल कालेज सहित सभी बड़े निजी अस्पतालों से जहां डाक्टरों की टीम बुलाई गई है, वहीं आयुष्मान पैनल में दर्ज अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। गंभीर समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को समय पर इलाज मुहैया कराया जा सके, इसके लिए बंध पत्र डाक्टरों और पीजी स्टूडेन्ट्स की ड्यूटी सूचीबद्ध कर लगाई गई है। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश के बाद कलेक्टर ने औचक निरीक्षण कर अस्पतालों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया, वहीं एम्बुलेंस और व्यवस्थाओं को लेकर सख्त निर्देश दिए।
अब मांगों की पूर्ति के बिना नहीं लौटेंगे
कई सालों से वेतनवृद्धि, प्रमोशन और निजी प्रशासकों की मेडिकल कालेजों में नियुक्ति को लेकर विरोध कर रहे डाक्टरों ने अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। दो दिन से लगातार काली पट्टी बांधकर काम कर रहे डाक्टरों ने कल जब दो घंटे ओपीडी के समय काम नहीं किया तो मरीजों की जांच में हाहाकार की स्थिति निर्मित हो गई। कई गंभीर मरीज जो दूरदराज के इलाकों से इलाज के लिए एमवाय अस्पताल आए थे, उन्हें खाली हाथ वापस जाना पड़ा, वहीं आज सुबह से ही अस्पतालों में मरीजों की फजीहत हो रही है। डाक्टरों ने साफ कहा है कि मांग की पूर्ति के बिना वे काम पर नहीं लौटेंगे, जबकि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान डाक्टरों की 95 प्रतिशत मांगे पहले ही पूरी करने की बात कह रहे हैं।
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