भोपाल। प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा एक भी विधानसभा सीट का जोखिम नहीं उठाना चाह रही है। इसीलिए विधायकों के रिपोर्ट कार्ड के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं वन-टू-वन बात कर रहे हैं। बीते महीनों में भी मुख्यमंत्री विधायकों से वन-टू-वन कर चुके हैं। जिन विधायकों से रिपोर्ट कार्ड के आधार पर बात नहीं हो सकी थी, उनमें शामिल दो दर्जन विधायकों को सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाया गया था। मुख्यमंत्री ने संबंधित विधायकों को उनके क्षेत्र का रिपोर्ट कार्ड दिखाते हुए कमियों का आईना दिखाया। इतना ही नहीं विधायकों को सुधार करने की नसीहत भी मुख्यमंत्री ने दी है। विधायकों ने भी अपने क्षेत्र की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के साथ विकास कार्यों के संबंध में चर्चा की है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने जिन विधायकों की परफार्मेंस अच्छी नहीं है, उन्हें कामकाज में सुधार के साथ क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने की नसीहत भी दी है।
सर्वे रिपोर्ट रखकर बताया विधायक कहां कमजोर
मुख्यमंत्री चौहान ने विधायकों के सामने सर्वे रिपोर्ट रखी। वन-टू-वन चर्चा में मुख्यमंत्री ने विधायकों को किस इलाके में कमजोर है, उसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने उनको नसीहत देते हुए क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अपने इलाके में दौरे करें और विकास कार्य तेज करें। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जनता के बीच लेकर जाएं। जानकारी के अनुसार सीएम ने विधायकों को साफ कहा कि क्षेत्र में स्थिति नहीं सुधरने का असर टिकट वितरण में हो सकता है। मुख्यमंत्री ने विधायकों से लाड़ली बहना योजना से लेकर जन सेवा अभियान के दूसरे चरण को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने इसके अलावा विधायकों से असंतुष्ट और नाराज कार्यकर्ताओं को साथ लेने की भी नसीहत दी।
एक चूक पर लापरवाह जिलाध्यक्ष पर गिर सकती है गाज
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे भाजपा संगठन अभियानों को लेकर और सख्त होता जा रहा है। 51 फीसदी वोट शेयर हासिल करने के लिए प्रदेश में इन दिनों बूथ विजय संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सभी मंडल और जिला अध्यक्षों को अपने-अपने इलाके में बेहतर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि इस अभियान में जिलाध्यक्ष लापरवाही बरतेंगे तो उन्हें हटाने से भी भाजपा नहीं चूकेगी। भाजपा ने प्रदेश के 64100 बूथों पर यह अभियान चलाया गया। इतना ही नहीं पन्ना प्रमुखों के साथ भी प्रदेश प्रभारी अजय जामवाल से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेताओं ने बूथ पर जाकर बात की। उन्हें 51 फीसदी वोट शेयर के लिए काम करने के निर्देश भी दिए। पूरे देश में बूथ विस्तारक अभियान में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है। लेकिन, कुछ जिले ऐसे थे जिनका प्रदर्शन संगठन के अनुकूल नहीं रहा। ऐसे जिला अध्यक्षों को बैठक के माध्यम से निर्देश दिए गए हैं कि 4 मई से 14 मई तक चलाए जाने वाले बूथ विजय संकल्प अभियान के दौरान अपना प्रदर्शन सुधार लें। यदि ऐसा नहीं होता है तो ऐसे जिला अध्यक्षों को बदला जा सकता है।
बदलाव के पहले शुरू हुई सियासत
जिला अध्यक्षों को बदले जाने की सुगबुगाहट पर भाजपा प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि 51 फीसदी वोट शेयर के लिए संगठन इन दिनों पूरे प्रदेश में जी-जान से जुटा हुआ है। क्योंकि, इस साल में ही चुनाव है। भाजपा अब पूरे तरीके से चुनावी मोड में है। यही कारण है कि अभियानों में लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों को बदलने से पार्टी नहीं चूकेगी। भाजपा संगठन में समय-समय पर कार्यकर्ता की भूमिका के अनुसार उसकी जिम्मेदारी तय की जाती है। वहीं अभियान में लापरवाही बरतने वाले जिला अध्यक्षों को बदलने की सुगबुगाहट पर कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है कि भाजपा भले ही 51 फीसदी वोट शेयर करने की बात कह रही हो, लेकिन जिस तरीके से विकास यात्राओं के दौरान विरोध हुआ इससे भाजपा आलाकमान समझ चुका है कि यह लक्ष्य पाना उनके लिए मुश्किल भरा काम है। यही कारण है कि अभी से भाजपा आने वाले समय में होने वाली हार का ठीकरा संगठन पर फोडऩे लगी है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके पहले कभी ऐसा नहीं होता था कि कार्यकाल के बीच में जिला अध्यक्ष या पदाधिकारियों को बदला जाए।
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