नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार और राज्य सरकार (Central Government and State Government) की हमेशा कोशिश रहती है कि किसानों को उनकी फसलों के सही भाव मिले. किसानों की फसलों के लिए जो एमएसपी तय की गई है. उस पर तो किसान अपनी फसल बेच दें. मगर अभी भी देश के कई राज्यों में विभिन्न फसलों पर सरकार की ओर से तय की गई एमएसपी नहीं मिल रही है. दलहन और तिलहन उत्पादन में भारत की स्थिति अच्छी नहीं है. विदेशों से मंगाकर देश की खपत पूरी की जा रही है. ताजा आंकड़े मसूर दाल (Masoor Dal ) को लेकर हैं. इन आंकड़ों ने भी नई चिंता खड़ी कर दी है. किसान एमसपी से कम भाव पर दाल बेचने को मजबूर हैं.
मसूर की MSP 6000 रुपये तय
देश में मसूर दाल की एमएसपी तय की गई है. उसी आधार पर किसानों को बेचा जा रहा है. देश भर में मसूर दाल की एमसपी 6000 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. मगर किसान परेशान हैं. उन्हें एमसपी के हिसाब से दाम दिया जाना चाहिए. लेकिन बहुत कम कीमत उन्हें दी जा रही है. कम दाम मिलने से किसान भी खासे परेशान हैं.
इतना मिल रहा भाव
रबी सीजन में उगने वाली मसूर दाल का भाव किसानों को नहीं मिल रहा है. किसानों को 4900 से लेकर 5600 रुपये तक के भाव मिल रहे हैं. मध्य प्रदेश की मंडियों का बुरा हाल हो गया है. यहां उत्पादन अधिक होने के बावजूद किसानों को अच्छा दाम नहीं मिल रहा है. किसानों को मंडी में भाव एमएसपी से कम मिल रहा है.
देश में 15.99 लाख टन उत्पादन का अनुमान
मध्यप्रदेश में इस बार उपज बढ़ने की संभावना है. हाल में मसूर उत्पादन को लेकर आंकड़ा जारी किया गया है. आंकड़ें के अनुसार, वर्ष 2022-23 में मसूर उत्पादन 15.99 लाख टन होने का अनुमान है. जबकि पिछले साल मसूर का उत्पादन 12.69 लाख मसूर का उत्पादन हुआ था, जोकि 16 लाख टन को पार कर सकता है. आंकड़े बढ़ते देख खुद राज्य सरकार और केंद्र सरकार खुश है.
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