भोपाल। ग्वालियर पुलिस की करतूत की वजह से पूरे महकमे की जमकर किरकिरी हो रही है। पुलिस ने सितंबर 2022 में सात लोगों को गिरफ्तार कर उनसे बरामद जिस 720 ग्राम पाउडर को एमडीएमए ड्रग्स बताया था, वो फोरेंसिक लैब की जांच में यूरिया निकला। ड्रग्स की कीमत 72 लाख रुपए बताई गई थी। हाईकोर्ट ने एक आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। साथही जस्टिस दीपक कुमार अग्रवाल ने ग्वालियर पुलिस को जमकर फटकार लगाई। डीजीपी को आदेश दिया कि वे दो महीने के अंदर आरोपी को 10 लाख रुपए बतौर मुआवजा दें। कोर्ट ने डीजीपी को यह भी कहा है कि वे चाहें तो मुआवजे की राशि की वसूली गैर जिम्मेदार अधिकारियों से वसूल कर सकते हैं। दोबारा इस तरह की गलती न हो, इसकी भी व्यवस्था बनाएं। सितंबर 2022 में ग्वालियर पुलिस ने शहर में पहली बार ड्रग्स पर कार्रवाई का दावा किया था। इस मामले में कई आरोपियों की हाईकोर्ट में एक से लेकर चार-चार बार तक जमानत निरस्त हुई। जिस आरोपी की अब जमानत मंजूर हुई है, उसने दूसरी बार याचिका दायर की थी। वह 235 दिन से जेल में बंद था। कोर्ट ने पुलिस के इस कारनामे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए अधिकार का उल्लंघन है।
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