नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय कुश्ती संघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के निशाने पर अब महान एथलीट और ओलंपिक संघ प्रमुख पीटी ऊषा (Athlete and Olympic Association chief PT Usha) आ गई हैं। पहलवानों के अनुशान पर सवाल उठाने के चलते उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने कहा है कि ऊषा महिला होते हुए महिला का दुख नहीं समझ रही हैं। करीब तीन महीनों के बाद पहलवान फिर यौन उत्पीड़न (sexual harassment) के आरोपों को लेकर जंतर मंतर पर WFI अध्यक्ष बृज भूषण शरण के खिलाफ धरना दे रहे हैं।
पूनिया ने साफ कर दिया है कि वे न्याय मिलने तक विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे जब पीटी ऊषा मैम की टिप्पणी के बारे में पता चला तो दुख हुआ, क्योंकि हम उन्हें अच्छा एथलीट मानते हैं। वह महिला होते हुए महिलाओं का दर्द नहीं समझ रही हैं। बीते तीन महीनों से हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं और अब वे इसे अनुशासनहीनता बता रहे हैं। मुझे लगता है कि महिला होने के बाद भी वह एथलीट्स का दुख नहीं समझ रही हैं। मुझे दुख है।’
पीटी ऊषा ने क्या कहा था
इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष ऊषा ने कहा था कि पहलवानों को विरोध प्रदर्शन दोबारा शुरू करने के बजाए IOA के पास आना चाहिए था। उन्होंने कहा था, ‘हमारा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए IOA में समिति और एथलीट्स कमिशन है। सड़कों पर जाने के बजाए उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन वे IOA के पास नहीं आए।’
उन्होंने कहा, ‘वे धरने पर बैठे हैं और सभी राजनीतिक दलों को शामिल होने के लिए कह रहे हैं और इसी बात ने मुझे निराश किया।’ इससे पहले भी IOA ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन के बजाए एथलीट्स कमिशन में आएं। पहलवानों ने जंतर मंतर पर 23 अप्रैल को दोबारा प्रदर्शन शुरू कर दिया था। साथ ही आरोप लगाए थे कि दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया है।
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