नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा (Former Pakistan Army Chief Qamar Javed Bajwa) ने दो पत्रकारों से कहा था कि उनके देश के पास भारत (India) के खिलाफ लड़ने के लिए गोला-बारूद और आर्थिक ताकत की कमी है। लंदन (London) स्थित एक पाकिस्तानी मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में यह खुलासा हुआ है। पाकिस्तान (Pakistan) के दो जाने-माने पत्रकारों हामिद मीर और नसीम जेहरा (Hamid Mir and Naseem Zehra) ने एक शो के दौरान कहा कि जनरल बाजवा ने 2021 में खुलासा किया था कि उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ गुप्त बातचीत की थी और उसी साल दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की पाकिस्तान यात्रा की योजना बनाई गई थी।
उन्होंने कहा, कमर जावेद बाजवा का कश्मीर पर किए गए सौदे का खुलासा अभी तक पाकिस्तानी नागरिकों के सामने नहीं किया गया है। भारत के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम के बाद प्रधानमंत्री मोदी को पाकिस्तान का दौरा करना था। जब इसके बारे में विदेश मंत्रालय को पता चला, तो वे इमरान खान (तत्कालीन प्रधानमंत्री) के पास गए, क्योंकि वे इसके बारे में अनजान थे। इमरान खान ने कहा कि उन्हें इसके बारे में पता है और एनएसए अजीत डोभाल के साथ बातचीत चल रही है। हालांकि, इमरान खान ने कहा कि उनके पास पीएम मोदी की पाकिस्तान यात्रा के बारे में कोई पुष्टि (कन्फर्मेशन) नहीं है।
पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि जनरल जावेद बाजवा को पाकिस्तान के सैन्य कौशल पर संदेह था। मीर के अनुसार, जनरल बाजवा ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध नहीं कर सकता। जनरल बाजवा का हवाला देते हुए मीर ने कहा कि कमांडरों के सम्मेलन के दौरान बाजवा ने स्वीकार किया कि पाकिस्तानी सेना का भारतीय सेना से कोई मुकाबला नहीं है। मीर ने कहा, घटना के बाद उन्होंने फैज से कम से कम विदेश कार्यालय को इस बारे में सूचित करने के लिए कहा। हालांकि, बाजवा आए और उन्हें लेक्चर दिया – वही लेक्चर जो हमें दिया गया था—क्या आपको याद है – टैंक काम करने की स्थिति में नहीं हैं, तोपों की आवाजाही के लिए डीजल नहीं है।
मीर और जेहरा ने खुलासा किया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना से लड़ने में असमर्थ है। मीर ने यह भी दावा किया कि विकल्पों के अभाव में जावेद बाजवा ने सामान्य संबंध बनाने के लिए भारत के साथ सुधारने का प्रस्ताव रखा। दोनों पक्ष कश्मीर के समाधान पर काम कर रहे थे, क्योंकि पाकिस्तान को एहसास हुआ कि उसके पास भारत से लड़ने के लिए गोला-बारूद और आर्थिक ताकत की कमी है।
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