शिमला। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (National President Jagat Prakash Nadda) ने डॉ. राजीव बिंदल को हिमाचल प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष (Himachal Pradesh BJP State President) नियुक्त किया है। भाजपा की विधानसभा चुनाव में हार के चार महीने बाद यह बड़ा फैसला लिया गया है। नड्डा ने भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री (BJP State Organization General Secretary) को भी बदल दिया है। पवन राणा (Pawan Rana) को दिल्ली भेज दिया गया है। उनके स्थान पर संगठन महामंत्री की कमान अब सिद्धार्थन (Siddharthan) को सौंपी गई है। भाजपा का एक खेमा संगठन महामंत्री से भी नाराज चल रहा था। तत्कालीन विधायक रमेश धवाला (Ramesh Dhawala) कई बार खुलकर पवन राणा के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़झाले में स्वास्थ्य निदेशक के कथित ऑडियो वायरल मामले में राजीव बिंदल ने 27 मई 2020 को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। सोशल मीडिया पर 43 सेकेंड का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। इसमें स्वास्थ्य निदेशक की आवाज पाए जाने के आरोप लगे थे। इसमें करीब पांच लाख रुपये के अवैध लेन-देन की बातें सामने आई थीं। यह लेनदेन कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सामग्री की खरीद से जोड़ा गया था।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने इस्तीफे की अटकलों पर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने इस्तीफा देने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से आग्रह किया है कि उनका कार्यकाल पूरा हो गया है। अब लोकसभा चुनाव नजदीक है। लिहाजा, किसी और को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाए। रविवार को मीडिया के सवाल के जवाब में कश्यप ने शिमला में कहा कि उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया है कि लोकसभा चुनाव बहुत जल्दी आने वाले हैं।
किसी और को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा तो यह अच्छा होगा। बहुत से काबिल लोग हैं। अगर किसी और को यह जिम्मेदारी मिलती है तो वह अपने क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस्तीफे वाली कोई बात नहीं है। यह उल्लेखनीय है कि वीरवार को कश्यप के बारे में सोशल मीडिया पर अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्होंने नड्डा को इस्तीफा सौंप दिया है। यह अटकलें गलत निकली हैं। हालांकि, कश्यप ने माैखिक रूप से नड्डा से पद छोड़ने की इच्छा जरूर जताई है।
सुरेश कश्यप शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद भी हैं। वह आगामी चुनाव की तैयारी के चलते पद छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं। विधानसभा चुनाव में कश्यप के अध्यक्ष रहते हिमाचल प्रदेश में हुई भाजपा की हार के बाद और उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद पहले से ही माना जा रहा था कि उनका हटना तय है। इससे पहले कश्यप ने यह इच्छा खुद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष से जता दी है। इससे एक बात यह भी स्पष्ट है कि वह एक बार फिर शिमला संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
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