नई दिल्ली: ट्विटर ने जर्नलिस्ट, गवर्नमेंट, मीडिया ऑर्गेनाइजेशन और ऐक्टर्स के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के बाद एक और बड़ा फैसला लिया है. एलन मस्क ने ट्विटर से ट्रेडिशनल पब्लिकेशन और डिजिटल समाचार आउटलेट से रिलेटेड सभी अकाउंट्स से Government-funded media लेबल हटा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, ट्विटर ने गवर्नमेंट फंडेड लेबल के अपने वेब पेज को भी हटा दिया है. माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने पहले पब्लिकली फंडेड लेबल को बीबीसी अकाउंट में रखा था और गवर्नमेंट फंडेड लेबल को यूएस बेस्ड एनपीआर पर लागू किया था.
गवर्नमेंट फंडेड लेबल
The Verge की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर ने बाद में ऑस्ट्रेलिया ब्रॉडकास्टिंग कंपनी यानी ABC Australia, ऑस्ट्रेलिया के स्पेशल ब्रॉडकास्टिंग सर्विस यानी SBS, न्यूजीलैंड के पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग आरएनजेड, स्वीडन के एसआर ईकोट और एसवीटी, और कैटलोनिया के टीवी 3 जैसे ग्लोबल न्यूज आउटलेट के अकाउंट पर गवर्नमेंट फंडेड मीडिया लेबल लगे थे.
गवर्नमेंट फंडेड लेबल को हटाया गया
एबीसी न्यूज के मुताबिक ये पब्लिकली फंडेड ब्रॉडकास्टर है . उन्होंने कहा कि ये 90 साल से ज्यादा समय से एबीसी हमेशा पॉलिटिकल और कमर्शियल इंटरेस्ट से मुक्त एक फ्री मीडिया ऑर्गेनाइजेशन है. एसबीएस के मुताबिक, लेबल ट्विटर यूजर्स को विश्वास दिला सकता है कि आउटलेट सरकार द्वारा एडिटोरियल कंट्रोल है.
इन ऑर्गेनाइजेशन ने छोड़ा ट्विटर
एनपीआर ने ट्विटर द्वारा सरकार द्वारा फंडेड लेबल मिलने का बाद ट्विटर छोड़ने का फैसला किया, एनपीआर के बाद, पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (PYC) ने भी गवर्नमेंट फंडेड मीडिया का लेबल लगने के बाद ट्विटर छोड़ दिया.
अब मुफ्त में नहीं मिलेगा ब्लू चेक
इस बीच, ट्विटर के कई हाई-प्रोफाइल यूजर्स के अकाउंट से ब्लू टिक को हटा दिया. ओरिजनल ब्लू-चेक सिस्टम के तहत ट्विटर के पास लगभग 300,000 वेरिफाइड यूजर्स थे. उनमें से कई जर्नलिस्ट, एथलीट और पब्लिक फिगर्स थे. चेक का मतलब था कि ट्विटर ने उस अकाउंट को वेरिफाई किया है जिसके बारे में उसने कहा था.
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