भोपाल। प्रदेश के सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच जारी ट्वीटर वार चर्चा का विषय हैं। दोनों नेताओं भगवान महाकाल से एकदूसरे का जैसा पैदा नहीं होने की कामना कर चुके हैं। दोनों के टवीटर विवाद में उनके समर्थक भी कूद आए हैं। महाकाल भगवान किसकी सुनेंगे, इसका निर्णय दिसंबर में होगा। क्योंकि दिसंबर में मप्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। मप्र की सियासत में सिंधिया को महाराजा और दिग्विजय सिंह को राजा संबाधित किया जाता है।
अभी तक नेता आपसी आरोप-प्रत्यारोप में भगवान को बीच में लाने से परहेज करते थे, लेकिन अब भगवान को भी सियासी जंग में ले लाए हैं। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केेंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर ट्वीट कर लिखा कि ‘हे प्रभु! हे महाकाल! दूसरे ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में पैदा न हों।Ó जिस पर जवाब में सिंधिया ने उसी अंदाज में पलटवार करते हुए लिखा कि ‘हे प्रभु महाकाल! कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश विरोधी और मध्य प्रदेश के बंटाधार भारत में पैदा न हों।Ó दोनों नेताओं के ट्वीट के बाद उनके समर्थक भी आपस में भिंड गए हैं। हालांकि कांगे्रस भाजपा के बड़े नेताओं ने राजा-महाराजा के बीच जारी ट्वीटर वार से खुद को दूर रखा है।
दिग्विजय और सिंधिया के टवीटर वार में उनके समर्थक भी मैदान में आए गए। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘हे महाकाल! ब्रह्मांड में दिग्गी राजा जैसा तत्व सूक्ष्म रूप में भी कहीं जन्म ना लें। धर्म, समाज, देश, मनुष्यता की रक्षा करो हे राजाधिराज!Ó पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने लिखाा कि ‘हे तीनों लोकों के स्वामी, महाकाल प्रभु! दिग्विजय सिंह जी जैसे व्यक्ति को, जिसने कांग्रेस का पूरा बंटाधार कर दिया। मध्यप्रदेश का बंटाधार कर दिया। महाकाल प्रभु से मेरी यही कामना है कि दिग्विजय सिंह को अगले जन्म में पाकिस्तान में पैदा करना।Ó इसी बीच पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी भी इस में कूद पड़े उन्होंने लिखा कि ‘हे महाकाल! आप तो सच के साक्षी हैं! जब लालचियों ने लोकतंत्र की हत्या की थी! अब देखिए, सीनाजोरी भी कर रहे हैं!Ó
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