पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच कहा कि उनकी पार्टी 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव का इंतजार किए बगैर ‘अभी भी’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर दावा कर सकती है.
विधानसभा में विपक्ष ने नेता ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह ‘100 फीसदी’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे. पुणे में साकाल मीडिया ग्रुप के साथ ‘दिलखुलास दादा’ नामक प्रोग्राम के लिए दिए गए एक अनौपचारिक इंटरव्यू में अजित पवार ने कहा कि उन्होंने जून 2022 में शिवसेना (Shiv Sena) में बगावत से पहले ही सुना था कि मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) नाखुश हैं और उनके दिमाग में कुछ चल रहा है.
अजित पवार ने खुलासा किया कि 2004 में जब राकांपा ने गठबंधन की अपनी सहयोगी कांग्रेस से ज्यादा सीटें जीती थीं, तो उस वक्त उनके सहकर्मी दिवंगत आरआर पाटिल मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन दिल्ली से एक संदेश आया कि उनकी पार्टी को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा. यह पूछने पर कि क्या राकांपा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद पर दावा करेगी, उन्होंने टिप्पणी कि ‘2024 क्यों, हम अभी भी मुख्यमंत्री पद पर दावा करने को तैयार हैं.’ हालांकि उन्होंने इस बयान को साफ नहीं किया. अजित पवार पहले महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं.
100 फीसदी मुख्यमंत्री बनना चाहूंगा
रैपिड फायर राउंड में पुणे जिले की बारामती सीट से विधायक अजित पवार से जब यह पूछा गया कि क्या वह आगे मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे, तो इस सवाल पर उन्होंने बेहद सटीकता से कहा कि ‘हां, मैं 100 फीसदी मुख्यमंत्री बनना चाहूंगा.’ यह पूछने पर कि राकांपा को उपमुख्यमंत्री पद से इतना लगाव क्यों है, अजित पवार ने कहा कि 2004 में राकांपा और कांग्रेस ने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा और राकांपा को ज्यादा सीटें हासिल हुईं.
पवार ने कहा कि ‘हमें 71 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 69 सीटें हासिल हुईं. कांग्रेस सहित सभी को लगा कि मुख्यमंत्री राकांपा से होगा. लेकिन उच्च स्तर पर कुछ फैसले लिए गए और दिल्ली से एक संदेश आया कि राकांपा को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा और मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस के हिस्से में चला गया.’
उद्धव ठाकरे के साथ ‘हंसी-खुशी’ काम किया
पवार ने कहा कि उनके सहकर्मी पाटिल को सदन का नेता चुना गया और 2004 में अगर शीर्ष पद राकांपा को मिला होता, तो वह मुख्यमंत्री बन गए होते. अजित पवार ने कहा कि उसके बाद वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राकांपा से ज्यादा सीटें मिलीं, तो स्वभाविक तौर पर मुख्यमंत्री पद उसने अपने पास रख लिया.
यह पूछने पर कि उन्हें मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) में से किसके साथ काम करना ज्यादा अच्छा लगा? तो पवार ने कहा कि उन्हें चव्हाण के साथ काम करने में ज्यादा मजा नहीं आया, लेकिन उन्होंने ठाकरे के साथ ‘हंसी-खुशी’ काम किया.
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