इंदौर (Indore)। शहर में नियम विरुद्ध लगाए जा रहे होर्डिंग्स पर इंदौर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। होर्डिंग्स को लेकर नगर निगम में हुए घोटाले को सबसे पहले ‘अग्निबाण’ ने उजागर किया था। इसके बाद इस मामले में एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में लगाई गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए बुधवार को कोर्ट ने नए होर्डिंग्स लगाए जाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
नगर निगम द्वारा शहर में विज्ञापन के होर्डिंग्स लगाने के लिए 13 अगस्त 2019 को टेंडर निकाले थे। इसमें शहर को कुल सात भागों में बांटते हुए हर क्षेत्र का अलग से टेंडर था। 7 सितंबर को टेंडर खोले गए। जोन 1 को छोडक़र बाकी सभी जोन के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनियों को यह टेंडर दिए गए। टेंडर में साफ लिखा था कि होर्डिंग्स कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए और ‘मध्यप्रदेश ऑउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017’ के नियमों के तहत लगाए जाएंगे।
सितंबर 2019 में जारी हुए इन टेंडरों पर निगम द्वारा अक्टूबर 2022 में वर्कआर्डर निकाला गया। इसके बाद ये लगना शुरू हुए और शुरुआत से ही सारे होर्डिंग्स कोर्ट और कानून के आदेशों के विपरीत लगाए जा रहे हैं। आज इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई करते हुए जज एस.ए. धर्माधिकारी और प्रकाशचंद्र गुप्ता ने अगली सुनवाई तक नियम विरुद्ध कोई भी होर्डिंग लगाने पर रोक लगाते हुए स्टे आर्डर दिया।
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