नई दिल्ली: भारत में अमृतपाल को लेकर दबिश चल रही थी. पूरा पंजाब छावनी बना हुआ था. हर बॉर्डल सील और हर वाहन की जांच हो रही थी. दूसरी तरफ विदेशों में खालिस्तानी समर्थक उपद्रव में उतारू थे. अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा. यहां पर सिख कम्युनिटी की संख्या काफी ज्यादा है. हालांकि उन्होंने इन खालिस्तानियों का साथ नहीं दिया. चंद खालिस्तानी मिलकर ब्रिटेन, अमेरिका में भारतीय दूतावासों पर हमला करने लगे. 19 मार्च को ब्रिटेन के दूतावास में तिरंगे का अपमान करने की कोशिश खालिस्तानियों ने की. इस मामले में भारत ने कड़ा रुख अख्तियार किया. इस महीने यूके के होम सेकेट्री ने भारत के अपने समकक्ष से मीटिंग की. इसमें उन्होंने बताया कि दो चरमपंथियों को गिरफ्तार किया गया है.
ब्रिटेन में खालिस्तानियों ने खूब हंगामा किया. ब्रिटेन की पुलिस मूक दर्शक बनी रही. कोई कार्रवाई नहीं की. भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि ये देशों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वो दूतावासों की सुरक्षा करें. इसके बाद भी भारतीय दूतावास की कोई सुरक्षा नहीं की गई. तब भारत ने विरोध जताने के लिए भारत में मौजूद ब्रिटेन दूतावास के सामने से पुलिस को हटा लिया. वहां से बैरिकेडिंग भी हटा ली गई. इसके बाद तुरंत भारतीय एंबेसी में ब्रिटेन पुलिस को तैनात किया गया. अब ब्रिटेन ने बताया कि 19 मार्च को जो घटना हुई थी उसमें दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
NIA के हाथों पर जांच दी गई
लंदन में खालिस्तानियों ने जो उपद्रव किया अब उसकी जांच NIA के हाथों में है. National Investigation Agency ने IPC की धारा 109/147/148/149/120-B/448/452/325, UAPA की धारा 13, पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने की धारा 3 (1) और भी कई संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में खालिस्तानी अवतार सिंह खांडा, जसवीर सिंह, गुरचरण सिंह को प्रमुख आरोपी बनाया गया है. ब्रिटिश हाई कमीशन में जो शख्स वीडियो में झंडा उतारते हुए दिख रहा था ये ही अवतार सिंह खांडा है. खांडा और गुरचरण सिंह ने ही भीड़ को उकसाया था. इन्हीं ने झंडे के साथ गलत व्यवहार किया, भीड़ को उकसाया और इंडियन ऑफिसर को चोटें भी पहुंचाई.
अवतार सिंह खांडा ही है मुख्य आरोपी
अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है. पुलिस उसको गिरफ्तार करने में पूरी तरह नाकाम रही. इस खालिस्तानी समर्थक के तार ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया तक जुड़े हुए हैं. अमृतपाल की पत्नी ब्रिटेन में रहती है. वो भी आतंकी संगठन के लिए फंडिंग का काम करती है. जांच में खुलासा हुआ था कि उसने ब्रिटेन की नागरिकता भी मांगी है. हालांकि उसको मिली नहीं. अमृतपाल कहां है इसकी कोई सूचना नहीं है. खांडा का इतिहास भी ऐसा ही है. इनके पिता को एनकाउंटर में मारा गया था.
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