नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश की पर्वतारोही बलजीत कौर का पता लगा लिया गया है. दरअसल, कल यानी 17 अप्रैल को खबर आई थी कि वो नेपाल के माउंट अन्नपूर्णा के कैंप IV के ऊपर समिट पॉइंट से नीचे आते समय लापता हो गई हैं. लेकिन अब जानकारी है कि 7300 मीटर की ऊंचाई पर वो जिंदा मिली हैं.
28 साल की बलजीत हिमाचल के सोलन के पास प्लास्ता पंजरोल गांव से है. वो एक महीने के अंदर 4 बार 8000 मीटर की चोटी पर चढ़ने वाली पहली भारतीय पर्वतारोही है. सोमवार को उसका रेडियो कॉन्टैक्ट चला गया था. उसने तुरंत मदद का रेडियो सिंगल भेजा, इसके बाद मंगलवार सुबह उसे सर्च करने का एरियल सर्च मिशन शुरू किया गया.
जल्दी है सर्च टीम को उसकी लोकेशन मिल गई और फिर वहां से उसे एयर लिफ्ट कर लिया गया. इस चढ़ाई का आयोजन जिस कंपनी ने कराया उसके अध्यक्ष पसांग शेरपा ने कहा कि बलजीत कैंप IV के ऊपर से लापता हो गई थी. ऐसा तब हुआ जब वो ऊपर से नीचे उतर रही थी. उसने सप्लीमेंटल ऑक्सीजन का उपयोग किए बिना चोटी पर चढ़ाई की थी.
बलजीत के रेस्क्यू पर कंपनी ने हमें ये बताते हुए खुशी हो रही है कि बलजीत कौर को पहाड़ से एयर लिफ्ट कर लिया गया है और वो अन्नपूर्णा बेस कैंप में सुरक्षित पहुंच गई है. उसे काठमांडू में मेडिकल चैकअप के लिए ले जाया जाएगा. उसकी उपलब्धि शानदार हैं और हम उसके साहस, शक्ति और दृढ़ संकल्प की तारीफ करते हैं.
बलजीत ने 9 अप्रैल को ट्वीट कर कहा था कि वो कंफर्ट जोन में हैं और अन्नपूर्णा बेस कैंप में आराम कर रही है. उसके पिता अमरीक सिंह हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन से रिटायर्ड बस ड्राइवर हैं.
बिना ऑक्सीजन के माउंट मनास्लु पर पहुंचकर बलजीत ने रिकॉर्ड बनाया. ऐसा करने वाली वो सबसे कम उम्र की पर्वतारोही थी और पहली भारतीय महिला थी. माउंट अन्नपूर्णा दुनिया में 10वां सबसे ऊंचा पर्वत है. समुद्र तल से उसकी ऊंचाई 8091 मीटर है.
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