सनावद-बलवाड़ा बड़ी लाइन के लिए बनाया जाना है नया पुल
इंदौर। मोरटक्का में नर्मदा ब्रिज (Narmada Bridge) पर बने भीमकाय रेल ब्रिज (Rail Bridge) को तोडऩा भी बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। महीनेभर में ठेकेदार कंपनी महज दो गर्डर पूरी तरह हटा पाई है। फिलहाल ओंकारेश्वर रोड तरफ से गर्डर हटाने का काम हो रहा है, जो धीरे-धीरे बलवाड़ा की तरफ बढ़ रहा है। पिछले महीने पुल पर लगे स्लीपर और जालियां हटाने के साथ पुल के स्टील से बने निचले हिस्से को हटाने का काम शुरू हुआ था।
सनावद-ओंकारेश्वर रोड-बलवाड़ा (Sanawad-Omkareshwar Road-Balwara) के बीच बड़ी लाइन बिछाने के लिए वर्तमान छोटी लाइन के ब्रिज को तोडक़र नया बनाया जा रहा है। पिछले साल रेलवे ने इसका ठेका मंगलम बिल्डकॉन को सौंपा था। कंपनी को लगभग 85 करोड़ रुपए के इस पुल की जगह दो साल में नया पुल बनाकर तैयार करना है। अभी नदी के बीच यानी पुल के मध्य भाग में ज्यादा काम नहीं हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि मानसून सीजन आने के पहले सभी गर्डर हटा दी जाएं और ज्यादा से ज्यादा स्थानों पर ब्रिज के पिलरों के लिए फाउंडेशन का काम शुरू हो जाए। बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ेगा और पानी दोनों किनारों पर फैलेगा। तब काम करना ज्यादा मुश्किल होगा और फिर मानसून सीजन के बाद ही काम गति पकड़ सकेगा। ब्रिज की गर्डर तोडऩे के दौरान भी आसपास लोगों की आवाजाही रोककर पूरी सावधानी से काम करना पड़ता है, ताकि कहीं कोई हादसा न हो जाए।
19 पिलर भी टूटेंगे, 13 बनेंगे
नर्मदा नदी पर बड़ी लाइन के लिए बनाया जा रहा ब्रिज करीब 800 मीटर लंबा बताया जाता है। नए पुल के लिए वर्तमान में बने 19 पुराने पिलर तोडऩा पड़ेंगे। फिलहाल यहां 13 पिलरों के साथ नया ओपन वेब गर्डर ब्रिज बनाने की योजना है। मौजूदा ब्रिज कई दशकों से सेवाएं दे रहा था, लेकिन 1 फरवरी-23 से सनावद-महू मीटरगेज खंड पर ट्रेनों की आवाजाही बंद होने से यह किसी काम का नहीं रह गया। रेलवे ने सनावद से बलवाड़ा और महू से पातालपानी स्टेशन के बीच गेज कन्वर्जन के 100-150 करोड़ रुपए के टेंडर भी बुला लिए हैं। अगले दो साल में इन दोनों हिस्सों में भी बड़ी लाइन बिछने के साथ नए स्टेशन और प्लेटफॉर्म नजर आने लगेंगे।
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