नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर आदिवासी महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने जांच शुरू कर दी है। एनसीएसटी ने पश्चिम बंगाल पुलिस को एक नोटिस भी जारी किया है, जिसमें उनसे तथ्य और एक कार्रवाई की गई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
मजूमदार ने सोमवार को आयोग को पत्र लिखकर मामले की जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इस पत्र में टीएमसी के कुछ नेताओं पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बीजेपी में शामिल हुईं आदिवासी महिलाओं से सजा के रूप में दंडवत परिक्रमा कराई। बाद में टीएमसी में जबरन शामिल कराया गया।
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने तापन गोफानगर के चार नागरिकों को जबरन दंडवत परिक्रमा करने के लिए मजबूर किया। इन लोगों का कसूर इतना था कि ये भाजपा में शामिल हो गए थे। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर यह आरोप लगाया है।
उन्होंने लिखा, तापन गोफानगर निवासी मार्टिना किस्कू, शिउली मार्डी, ठकरान सोरेन और मालती मुर्मू बृहस्पतिवार को भाजपा में शामिल हुए थे। यह सभी दलित समुदाय से आते हैं। मजुमदार ने आरोप लगाया था कि शुक्रवार को तृणमूल के लोगों ने इन्हें फिर से तृणमूल में शामिल होने पर मजबूर किया और इन्हें दंडवत परिक्रमा की सजा सुनाई। वीडियो में तीन महिलाएं दंडवत परिक्रमा करती नजर आ रही हैं।
एनसीएसटी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख मनोज मालवीय को लिखा कि आयोग ने मामले की जांच करने का फैसला किया है। वह तीन दिनों के भीतर आरोपों पर की गई कार्रवाई पर तथ्य और जानकारी प्रस्तुत करें। एनसीएसटी ने यह भी कहा कि यदि पश्चिम बंगाल पुलिस निर्धारित समय में जवाब देने में विफल रही तो वह व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समन जारी करेगा।
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