नई दिल्ली: देश में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस के 7,830 नए मामले दर्ज किए गए हैं. मंगलवार को 5,676 नए मामले आए थे. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मरीजों की संख्या 40,215 पर पहुंच गई है. इससे लोगों में फिर कोविड-19 को लेकर डर का माहौल बनना शुरू हो गया है. लोगों ने मास्क, सैनेटाइजर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. वहीं, देश में कई राज्यों ने कोरोना गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं. इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.
डब्ल्यूएचओ शुरुआत से ही चीन से पूछ रहा है कि वुहान के हुआनान सीफूड मार्केट में कोरोना वायरस कैसे पहुंचा. लेकिन, चीन की ओर से अब तक इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है. कभी इसे किसी जानवर से जोड़ा गया तो कभी इसके फैलने का जिम्मेदार किसी दूसरे जानवर को बताया गया. अब चीन के ही एक वैज्ञानिक टॉन्ग यिगैंग ने ये कहकर दुनियाभर में खलबली मचा दी है कि कोरोना वायरस किसी जानवर में नहीं, बल्कि इंसानों में पनापा और फिर फैलना शुरू हुआ था.
अब तक दुनियाभर के वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं का मानना था कि कोरोना वायरस पहले जानवरों में पनपा. इसके बाद जानवरों से इंसानों में पहुंचा और फिर दुनियाभर में फैल गया. बीजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर व वैज्ञानिक टॉन्ग के दावे और नई थ्योरी ने अब तक के सभी शोध व अध्ययनों को खारिज कर दिया है. साफ है कि अब वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को कोरोना वायरस को लेकर नए सिरे से जांच-पड़ताल करनी होगी.
टॉन्ग यिगैंग का कहना है कि वुहान के हुआनान बाजार से लिए गए वायरस के नमूने और संक्रमण का शिकार हुए लोगों के सैंपल एक जैसे थे. इससे पूरे आसार बनते हैं कि कोरोना वायरस की शुरुआत पहले इंसानों में हुई. इसके बाद संक्रमित लोग वुहान मार्केट पहुंचे और उन्होंने हुआनान बाजार में वायरस को फैलाया. इसके बाद इसने महामारी का रूप अख्तियार कर लिया और पूरी दुनिया को कुछ महीनों के लिए थाम दिया.
वैज्ञानिक टॉन्ग यिगैंग के मुताबिक, अभी तक यह पूरी तरह से साबित नहीं किया जा सका है कि रैकून डॉग में कोरोना वायरस पैदा हुआ था. उन्होंने अपने शोध को सही साबित करने के लिए कहा कि शुरुआती दौर में सैकड़ों संक्रमित लोग हुआनान सीफूड मार्केट गए थे. ये बाजार पैंगोलिन, चमगादड़, रैकून डॉग समेत कई जानवरों की खरीद-फरोख्त के लिए जाना जाता है. ये संभव है कि संक्रमित लोग इनकी दुकानों पर पहुंचे और दुकानदारों को संक्रमित कर दिया. इसके बाद दुकानदारों से दूसरे ग्राहकों में फैला.
टॉन्ग की थ्योरी का विरोध नहीं करने वाले वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का भी मानना है कि संक्रमित लोग बाजार में पहुंचकर वहां मौजूद दूसरे लोगों में वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. हालांकि, कोरोना वायरस की शुरुआत और प्रसार को लेकर वैज्ञानिकों व अमेरिकी सरकारी एजेंसियों की थ्योरी में खासा फर्क है. अब तक वैज्ञानिकों का मानना रहा है कि वायरस जानवरों से इंसानों में आया. वहीं, एजेंसियों का अनुमान है कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से लीक हुआ और फैलता चला गया.
चीन ने पहले कोरोना वायरस के फैलने की बात छुपाई. फिर जब बात हाथ से निकल गई तो इसके फैलने की वजह दुनिया से अब तक छिपा रहा है. अमेरिका समेत कई देशों के वैज्ञानिक और सरकारें चीन से लगातार डाटा मांग रही हैं, ताकि कोरोना वायरस के फैलने की वजह को समझा जा सके. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कुछ समय पहले ही पूरा डाटा उपलब्ध नहीं कराने को लेकर चीन की जमकर क्लास लगाई थी. यहां ध्यान देने वाली बात है कि टॉन्ग ने नया दावा तो किया है, लेकिन वह संक्रमितों में वायरस पहुंचने की वजह नहीं बता पाए.
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