इन्दौर (Indore)। शहर में अचानक भिनभिनाते मच्छरों (buzzing mosquitoes) की टोलियां सडक़ से लेकर कई स्थानों पर नजर आ रही है। कृषि विभाग के अधिकारी मानते हैं कि पिछले दिनों हुई बारिश और नमी मिलने के चलते मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ा है। अनुकूल वातावरण होने के चलते अचानक इनकी तादाद बढ़ गई है, वहीं कई जगह जलजमाव भी इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। कुछ दिनों पूर्व फसलों के घातक माहू मच्छर का प्रकोप था, लेकिन इन दिनों अन्य प्रजाति के मच्छर बड़ी संख्या में आ गए है।
पिछले दिनों शहर के कई अलग-अलग हिस्सों में लगातार बारिश होने के कारण मच्छरों का प्रकोप शुरुआती दौर में बढ़ा था, लेकिन पिछले चार, पांच दिनों में इनकी संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। चौराहों से लेकर गली मोहल्लों तक में मच्छरों के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। भिनभिनाते मच्छरों की रोकथाम के लिए निगम स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयों का छिडक़ाव भी शुरू कराया, लेकिन इसके बाद भी नतीजा कुछ भी नहीं निकला। करीब एक से डेढ़ माह पूर्व शहर में हरे रंग के माहू मच्छरों का प्रकोप था। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह मच्छर फसलों के आसपास मंडराते हैं और फसलों के लिए नुकसानदायक माने जाते हैं। अब हालांकि, इनका प्रकोप कम हो गया है तो वहीं बारिक काले प्रकार के मच्छरों का झुंड लोगों को हैरान परेशान किए हुए है। घरों से लेकर खुले बरामदे और खाली स्थानों पर पड़े कचरे के ढेर के कारण मच्छर नजर आते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम मच्छरनाशक दवाइयों का छि़ड़क़ाव करने के िलए अलर्ट पर है और कई जलजमाव वाले क्षेत्रों से लेकर नदी नालों के किनारों पर दवाइयों का छिडक़ाव करने के लिए हर झोन पर आठ से दस कर्मचारियों की टीम लगाई गई है।
बारिश और मौसम की अनुकूलता के कारण मच्छरों का इजाफा
कृषि महाविद्यालय के प्रोफेसर रणजीत वानखेड़े के मुताबिक पिछले दिनों शहर में हुई अलग अलग स्थानों पर हुई बारिश के कारण और फिर मच्छरों को अपने अनुकूल वातावरण मिलने के कारण अचानक इनकी संख्या बढ़ गई है। खासकर जलजमाव वाले क्षेत्रों में इनकी संख्या बड़े पैमाने पर है।
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