नीमच। बाणदा गांव के पास पहाड़ियों में बांध निर्माण (Dam construction) का आदिवासी विरोध कर रहे हैं। आदिवासियों को अपनी जमीन और घर डूब इलाके में आने का डर सता रहा है। जिसे लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने निर्माण स्थल पर पहुंचकर काम बंद करवाया। इस दौरान ग्रामीणों ने ठेकेदार के सुपरवाइजर की गर्दन पर तलवार रख दी और जल संसाधन विभाग के एसडीओ (SDO of Water Resources Department) की गाड़ी के कांच फोड़ दिए। यहां बता दें, सरकार 52 करोड़ रुपए की लागत से सिंगोली-रतनगढ़ के बीच बांध निर्माण (Dam construction) करवा रही है।
रतनगढ़ थाने में शिकायत
सिंचाई विभाग के अफसरों (officers of irrigation department) ने निर्माण कार्य बंद कर रतनगढ़ थाने पर शिकायत दर्ज करवाई है। जल संसाधन विभाग ने बाणदा गांव के पास बांध निर्माण दो माह पहले ठेकेदार के माध्यम से शुरू करवाया है। इस बांध के निर्माण से बाणदा और आसपास के गांव डूब में आ जाएंगे। इससे ग्रामीणों को घर और जमीन छीन जाने का डर है। इस कारण गांव के लोग प्रारंभ से ही इसका विरोध कर रहे हैं। एक माह पूर्व सिंगोली में आदिवासी समाज ने महासभा आयोजित कर प्रशासन से बांध निर्माण बंद करने की मांग की थी।
कर्मचारियों की गर्दन पर रखी तलवार
काम बंद कराने की सूचना के बाद मौके पर जल संसाधन विभाग के एसडीओ जगदीश चौहान, रामगोपाल पाटीदार पहुंचे, लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी के कांच फोड़ दिए। ग्रामीणों ने ठेकेदार की मशीनों को गांव के बाहर रख दिया। जल संसाधन के कार्यपालन यंत्री एचके मालवीय ने बताया मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देने के साथ रतनगढ़ थाने पर शिकायत की है। उन्होंने पुलिस को बताया कि बिना सुरक्षा व्यवस्था के काम करना मुश्किल है। ठेकेदार के सुपरवाइजर की गर्दन पर तलवार रख दी। ऐसे में वहां कर्मचारी कैसे काम कर सकते हैं।
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