नई दिल्ली । अटॉर्नी जनरल (AG) आर. वेंकटरमणी (R. Venkataramani) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि (Informed the Supreme Court that) डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Digital Personal Data Protection Bill) मानसून सत्र में (In Monsoon Session) संसद में पेश किया जाएगा (To be Introduced in Parliament) ।
एक फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने व्हॉट्सएप को मीडिया में व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया था कि उपयोगकर्ता उसकी 2021 की गोपनीयता नीति को स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं हैं और नए डेटा संरक्षण विधेयक के प्रभावी होने तक व्हॉट्सएप की कार्यक्षमता प्रभावित नहीं होगी। एजी ने मंगलवार को न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि विधेयक तैयार है। इसे मानसून सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। जस्टिस जोसेफ ने एजी से पूछा, मानसून सत्र का मतलब? एजी ने जवाब दिया कि यह जुलाई में होगा।
पीठ -में शामिल जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सी.टी. रविकुमार ने कहा कि मामला जुलाई में सुनवाई के लिए पोस्ट किया जा सकता है। इस मौके पर व्हाट्सएप का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि सत्र जुलाई के अंत में है। पीठ को सुझाव दिया गया कि मामले में अगस्त में सुनवाई करना अधिक व्यावहारिक होगा।
याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि मामले को पहले सूचीबद्ध किया जाना चाहिए और विधेयक को पिछले शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एजी ने जवाब दिया कि बिल बहुत ही योग्य परामर्श प्रक्रिया से गुजरा है और यह मत कहो कि हम समय ले रहे हैं, और आप चाहते हैं कि एक अच्छा कानून आए।
दीवान ने उत्तर दिया, हम निश्चित रूप से एक अच्छा कानून चाहते हैं। और अदालत से कहा कि अदालत की सुनवाई को विधायी प्रक्रिया से न जोड़ा जाए। पीठ ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए इस मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जा सकता है, ताकि अगस्त के पहले सप्ताह में एक पीठ का गठन किया जा सके।
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