• img-fluid

    ये पॉलिटिक्स है प्यारे

  • April 10, 2023

    महू में दूसरा चेहरा किसी महिला का तो नहीं
    विधानसभा चुनाव में अभी समय हैं, लेकिन दावेदारों के लिए अभी से ही एक-एक दिन काटना मुश्किल हो रहा है। जो वर्तमान में विधायक हैं वो सीट बचाने के लिए सक्रिय हो गए हैं, लेकिन इंदौर जिले की 9 विधानसभाओं में सर्वाधिक चर्चा महू को लेकर चल रही है। यूं भी उषा ठाकुर किसी सीट पर दोबारा रिपीट नहीं हुई है और माना जा रहा है कि उनकी शहर में वापसी होगी। महू में पार्टी किसे टिकट देगी और किसे नहीं, इसको लेकर अभी से ही कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन जिस तरह से महिला नेत्री के रूप में कविता पाटीदार का कद बढ़ा है, उससे लग रहा है कि पाटीदार को महू में मौका दिया जा सकता है। हालांकि उनका राज्यसभा का कार्यकाल बाकी है, लेकिन अगर वे जीत जाती हंै तो राज्यसभा से उनका इस्तीफा कराया जा सकता है। ग्रामीण भाजपा की बैठक में पाटीदार को तोमर ने मंच पर बिठाकर कई संकेत दे दिए हैं। संगठन की करीबी रहीं पाटीदार भोपाल से दिल्ली तक का रास्ता तय कर चुकी हैं और अगर फिर भोपाल वालों की चलती हैं तो फिर महू का टिकट तय है।


    अध्यक्ष नहीं बनाया तो रास्ते में छोड़ गया
    भाजपा मोर्चे की बैठक में एक मंडल अध्यक्ष को उस समय अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा, जब अध्यक्ष का दावेदार उन्हें बीच रास्ते में छोड़ गया। दरअसल बैठक में वे वार्ड अध्यक्ष के दावेदार को दिलासा देकर लाए थे कि उसका नाम घोषित कर दिया जाएगा। जब घोषणा नहीं हुई तो वह मंडल अध्यक्ष को वहीं छोडक़र चला गया। बेचारे मंडल अध्यक्ष दूसरे से लिफ्ट लेकर अपने घर पहुंचे और अध्यक्ष की घोषणा नहीं करवाने पर नगर महामंत्री को सफाई देना पड़ी, सो अलग।
    युवक कांग्रेस में अब नई जुगलबंदी सामने आई
    युवक कांग्रेस को जिस तरह से काम करना चाहिए, वैसा नहीं कर पा रही है, लेकिन इन दिनों युकां में एक नई जुगलबंदी नजर आ रही है। इंदौर में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए स्वप्निल कामले और जिलाध्यक्ष दौलत पटेल आजकल साथ में आंदोलन और कार्यक्रम कर रहे हैं। दोनों की जुगलबंदी से शहर अध्यक्ष रमीज खान बाहर हैं। पिछले दिनों सांसद कार्यालय पर हुए प्रदर्शन और कल रात एक पब के बाहर प्रदर्शन में दोनों को अपने-अपने कार्यकर्ताओं के साथ देखा गया।


    दिग्गी के खास को पटकनी दे दी वक्फ बोर्ड में
    दिग्गी राजा को उस समय झटका लगा जब वक्फ बोर्ड सदस्य के चुनाव में उनके नजदीकी रहे अल्पसंख्यक नेता को भाजपा के नेता ने हरा दिया। पिछले दिनों भोपाल के हज हाउस में मुतावल्ली केटेगरी के चुनाव हुए। इसमें सदस्य को चुना जाता है। कांग्रेस की ओर से जावरा से कांग्रेस विधायक उम्मीदवार युसूफ कड़प्पा के खास मोहम्मद हुसैन उम्मीदवार थे। यूसूफ दिग्गी के नजदीकियों में एक हैं। दिग्गी ने अपने खास के खास को चुनाव जिताने के लिए सारी ताकत लगा दी, लेकिन भाजपा के फैजान खान इस चुनाव में जीत गए। उन्हें 31 तो हुसैन को मात्र 7 वोट ही मिले। हालांकि इसके पीछे भाजपा के नेताओं की रणनीति कामयाब रही, जिन्होंने पहले से ही वोट डालने वालों पर डोरे डालना शुरू कर दिए थे।


    दा साब की कभी तूती बोलती थी
    भाजपा के एक पुराने ग्रामीण नेता हैं और लालबत्ती का सुख भी भोग चुके हंै, लेकिन चुनाव के दौरान हुई एक गलती के बाद उनकी राजनीतिक दुकान ठंडी पड़ गई है। कभी इनकी ग्रामीण क्षेत्र में तूती बोलती थी, लेकिन अब इनकी पूछपरख कम हो गई है। कारण जिन नेता की छत्रछाया में ये पल रहे थे वे नेता अब भाजपा की राजनीति से दूर हैं। पिछले दिनों हुई संघ की बैठक में इन वयोवृद्ध ग्रामीण नेता के दिल की बात जुबां पर आ ही गई। उन्होंने कार्यकर्ताओं के बहाने अपनी हालत बयां कर दी और कह दिया कि अब कोई पूछता नहीं है। चुनाव आते हैं तो ही कार्यकर्ताओं की याद आती हैं। दूसरे नेता यह देखकर कहते रहे कि जब तुम्हारा टाइम था तब तो तुम कार्यकर्ताओं को झिडक़ देते थे। अब जैसा किया है वैसा भुगतो।
    राऊ में देखे जा रहे शहरी नेता
    विधानसभा लडऩे के चक्कर में कुछ शहरी नेताओं ने ग्रामीण क्षेत्र की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा शहरी नेता राऊ विधानसभा में देखे जा रहे हैं। इसमें पिछली नगर निगम में पार्षद रहे एक नेता का नाम भी शामिल हैं। नेताजी ठाकुर बिरादरी के हैं। फिलहाल वे जहां रहते हैं, वहां लडऩा मुश्किल हैं, फिर भी नेताजी सक्रियता दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।


    ठप्प पड़ गए कांग्रेस के सारे अभियान
    शहर कांग्रेस अध्यक्ष घोषित नहीं होने के कारण कांग्रेस एक तरह से ठप्प पड़ी हुई है। जिसको विधानसभा चुनाव लडऩा है, वही अपने क्षेत्र में सक्रिय देखा जा रहा है। बाकी कार्यकर्ताओं की पूछपरख करने वाला कोई नहीं है। अध्यक्षविहीन शहर कांग्रेस में हर कोई अपनी चला रहा है। इससे कांगे्रस आगे नहीं, बल्कि पीछे की ओर ही खिसक रही है। वरिष्ठ नेताओं और जनप्रतिनधियों ने गांधी भवन आना ही बंद कर दिया है और वे अपने कार्यालय से ही कांग्रेस चला रहे हैं। चुनाव को लेकर भी कोई कुछ तैयारी नहीं कर रहा है और कांग्रेस ने जो-जो अभियान और कार्यक्रम दिए थे वे ठप्प पड़े हैं। कुछ उत्साही कांग्रेसी जरूर अपने प_ों को इक_ा कर मीडिया में छा जाते हैं, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और होती है।


    जिस तरह से प्रतिभा पाल ने इंदौर नगर निगम चलाया, उससे परिषद के कुछ सदस्य नाराज थे । हालात यह थे कि भाजपा के पार्षदों को मेडम से मिलने के लिए खड़े रहना पड़ता था। अब हर्षिका सिंह के हाथ निगम की बागडोर है। कुछ पार्षद और एमआईसी मेम्बर मेडम से मिलने गए, लेकिन मेडम का जो रवैया रहा है, उससे लग रहा है कि असली प्रतिभा तो हर्षिका सिंह दिखाएंगी। बताया जा रहा है कि नियम के बिना वो कोई काम नहीं करती और फिर मेडम कलेक्टर रह चुकी हैं तो कलेक्टरी दिखाएंगी ही।
    -संजीव मालवीय

    Share:

    जमशेदपुर में अचानक हुई हिंसा के बाद इंटरनेट ठप्‍प, प्रशासन ने लगा दी धारा 144

    Mon Apr 10 , 2023
    जमशेदपुर (Jamshedpur)। झारखंड के जमशेदपुर (Jamshedpur of Jharkhand) में अचानक हुए हिंसा के बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवा ठप्‍प कर धारा 144 (section 144) लगा दी गई ताकि कोई अफवाह ना फैले। जानकारी के लिए बता दें कि झारखंड के जमशेदपुर ((Jamshedpur of Jharkhand) ) में कदमा थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर में शनिवार की रात धार्मिक […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved