लाहौर। पाकिस्तान में ‘वैसाखी मेला’ में शामिल होने के लिए करीब 2,500 सिख श्रद्धालु रविवार को भारत से वाघा सीमा के रास्ते यहां पहुंचे। यहां वह 12 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब हसन अब्दाल पहुंचेंगे और वह 14 अप्रैल को मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड (ETPB) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सिख त्योहार बैसाखी के समारोह में भारत से 2,470 तीर्थयात्री प्रबंधक समिति शिरोमणि गुरुद्वारा के सरदार अमरजीत सिंह के नेतृत्व में यहां पहुंचे हैं। ईटीपीबी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों की देखभाल करता है।
ईटीपीबी के अध्यक्ष हबीबुर रहमान गिलानी और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा बंधन समिति के प्रधान सरदार अमीर सिंह ने वाघा सीमा पर तीर्थयात्रियों की अगवानी की। हाशमी ने कहा कि सिख तीर्थयात्रियों को कड़ी सुरक्षा के बीच ननकाना साहिब भेजा गया जहां वे बाबा गुरु नानक की जन्मस्थली पर धार्मिक अनुष्ठान करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्य कार्यक्रम 14 अप्रैल को गुरुद्वारा पंजा साहिब हसन अब्दल में होगा, जिसमें विभिन्न राजनीतिक, धार्मिक और सिख नेता भाग लेंगे। आगे कहा कि तीर्थयात्री 18 अप्रैल को भारत रवाना होने से पहले फारूकाबाद, करतारपुर, रोहरी साहिब, अमीनाबाद भी जाएंगे।
ईटीपीबी के अध्यक्ष गिलानी ने कहा कि सिख यात्रियों के लिए सभी प्रबंध बेहतरीन तरीके से किए गए हैं और उन्हें सुरक्षा, चिकित्सा और यात्रा व्यवस्था के साथ अन्य सभी प्रशासनिक व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाएंगी। एसजीपीसी नेता अमरजीत सिंह भलीपुर ने कहा कि सिख तीर्थयात्रियों ने खुशी जाहिर की है। साथ ही उन्होंने दोनों पक्षों के तीर्थयात्रियों के लिए वीजा में आसानी पर भी जोर दिया।
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