हरिद्वार (Haridwar) । वर्तमान संवत्सर में तीन सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) और एक चंद्रग्रहण (lunar eclipse) सहित चार ग्रहण पड़ रहे हैं। भारत (India) में केवल 28 अक्तूबर की रात में लगने वाला चंद्रग्रहण ही नजर आएगा, लिहाजा अन्य तीन सूर्य ग्रहणों का कोई प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा।
इस वर्ष श्रावण (Shravan) के महीने में पुरुषोत्तम मास पड़ रहा है। फलस्वरूप सावन माह दो महीने तक चलेगा। सावन के बाद आने वाले दशहरा, दिवाली, कार्तिक पूर्णिमा (kartik purnima) और होली जैसे पर्व एक महीना विलंब से आने वाले हैं। कांवड़ यात्रा शुद्ध श्रावण के कृष्ण पक्ष में पड़ेगी तथा श्राद्ध पक्ष भी महीनेभर पीछे हट जाएगा।
पहला खग्रास सूर्यग्रण इसी मास 20 अप्रैल को पड़ेगा और अनेक देशों में खग्रास आकृति नजर आएगी।
दूसरा सूर्यग्रहण 14 अक्तूबर और तीसरा सूर्यग्रहण अगली आठ अप्रैल को दिखाई देगा। 14 अक्तूबर को पड़ने वाला सूर्यग्रहण कंकण अर्थात अंगूठी का आकार उत्पन्न करेगा।
मार्तंड पंचांग के ज्योतिषाचार्य पंडित इंदुशेखर शास्त्री के अनुसार, 28 अक्तूबर की आधी रात में पड़ने वाला खंडग्रास चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई पड़ेगा। श्रावण का महीना 60 दिन लंबा होगा। शुद्ध कृष्ण पक्ष चार जुलाई से 17 जुलाई तक चलेगा। पुरुषोत्तम मास 28 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा।
श्रावण शुद्ध शुक्ल पक्ष 17 अगस्त से 31 अगस्त रहेगा। पुरुषोत्तम मास में अन्य कोई पर्व नहीं पड़ता, भागवत कथाएं खूब होती हैं। दो सावन होने के कारण बाद के समस्त पर्व एक महीना विलंब से आएंगे।
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