लाहौर। लाहौर हाईकोर्ट ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशखाना भ्रष्टाचार मामले की बहुप्रतीक्षित सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तारीख तय की। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, न्यायमूर्ति शाहिद बिलाल हसन की अध्यक्षता वाली लाहौर हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ याचिका पर सुनवाई करेगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट दोनों पक्षों को अपनी दलीलें पेश करने की अनुमति देगी।
पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है। इमरान खान पर तोशाखाने में रखे गए तोहफों को कम दाम पर खरीदने और फिर उन्हें बेचकर लाभ कमाने का आरोप है। इमरान खान को बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण उन्हें पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था। चुनाव निकाय ने बाद में देश के प्रधानमंत्री के रूप में प्राप्त उपहारों को बेचने के लिए आपराधिक कानूनों के तहत उन्हें दंडित करने के लिए जिला अदालत में शिकायत दर्ज की।
इमरान ने आरोपों को किया था खंडन
18 मार्च को इस्लामाबाद में न्यायिक परिसर के बाहर तीव्र झड़पें हुईं, जब खान लाहौर से तोशखाना मामले में बहुप्रतीक्षित सुनवाई में भाग लेने पहुंचे। क्रिकेटर से राजनेता बने खान को पिछले साल अप्रैल में अविश्वास मत हारने के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, वह नेशनल असेंबली द्वारा मतदान के बाद बाहर होने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बने। इमरान अपने निष्कासन के बाद से ही वह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने के लिए देश में मध्यावधि चुनाव की मांग कर रहे हैं।
यह है तोशाखाना मामला
पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है। कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी।
2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं।
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