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2 बच्चों ने अपने अपने पिता को लिवर देकर दिया नया जीवन

April 09, 2023

  • बंसल हॉस्पिटल में हुए लिविंग डोनर्स के जरिए लिवर ट्रांसप्लांट

भोपाल। राजधानी के बंसल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं। 2 अलग-अलग ऑपरेशन में बच्चों ने अपने पिता को अपने लिवर दान देकर उनकी जान बचाई।

केस- 1: भोपाल निवासी 61 वर्षीय राम सिंह दिलारे करीब डेढ़ साल से लिवर सिरोसिस की बीमारी से पीडि़त थे। लीवर सिरोसिस की वजह से फेफड़ों और पेट में पानी बनना, खून की कमी होना, कमजोरी आना, और दिमाग पे असर आना जैसी परेशानियों से ग्रसित थे। उनकी तबियत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी। इन परेशानियों के चलते वह बंसल अस्पताल के लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन डा. गुरसागर सिंह सहोता से मिले और उनको लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई। मरीज की बेटी रश्मी दिलारे, 25 वर्षीय ने अपने लिवर का 60 प्रतिशत हिस्सा दे कर अपने पिता को नया जीवन दिया। बेटी ने अपने पिता का जीवन बचाने के लिए एक नई मिसाल कायम की है। इस आपरेशन के बाद डोनर स्वस्थ हालत में 7 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी हुए। और मरीज को भी 18 दिन बाद स्वस्थ हालत में डिस्चार्ज किया गया।


केस-2: खरगोन निवासी 53 वर्षीय अशोक वर्मा लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर से पीडि़त थे। लिवर में गांठ होने के कारण बहुत समय से पेट में दर्द की समस्या थी। वह बंसल अस्पताल में डॉक्टर गुरसागर सिंह सहोता से मिले और लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई। उनके पुत्र आकाश वर्मा, जो की खुद एक मेडिकल स्टूडेंट हैं, उन्होंने अपने लिवर का करीब 65 प्रतिशत हिस्सा अपने पिता को डोनेट किया। लिविंग डोनर के जरिए यह ट्रांसप्लांट संभव हुआ और पिता को नया जीवन मिला। डोनर को 7 दिन बाद और मरीज को 18 दिन बाद स्वस्थ हालत में डिस्चार्ज किया गया। दोनों लिवर ट्रांसप्लांट बंसल हॉस्पिटल की इनहाउस लिवर ट्रांसप्लांट टीम ने किए। इस टीम में डॉ. गुरसागार सिंह सहोता, चीफ लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन, डॉ. हरभजन सिंह सैनी, एचओडी एनेस्थीसिया , डॉ.अमित सिंह, लिवर ट्रांसप्लांट इंटेंसिविस्ट, डॉ.जुबेर खान, गैस्ट्रोसर्जन, डॉ. अभिनव सराफ, एनेस्थेटिस्ट, डॉ.ओंकार पटेल शामिल थे।

लिवर सिरोसिस और लिवर ट्रांसप्लांट
हेपेटाइटिस वायरस, मदिरापान, फैटी लिवर जैसी बीमारियों के कारण लिवर सिरोसिस बन जाता है। उल्टी में खून आना, पेट में और पैरों में पानी बनना, पीलिया, थकान, कमज़ोरी जैसे लक्षण बनते हैं। ऐसी स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट के जरिए ही लिवर सिरोसिस का इलाज संभव है। कैडेवर यानी ब्रेन डेड डोनर के जरिए या फिर लिविंग डोनर्स के जरिए लिवर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। मप्र में बंसल हॉस्पिटल में इस जटिल ऑपरेशन की सुविधा बहुत कम खर्च में उपलब्ध है। जीवित व्यक्ति अपने लिवर का 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा डोनेट करके मरीज को नया जीवन दे सकते हैं।

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