नई दिल्ली (New Delhi)। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और आम आदमी पार्टी (आप) समेत 10 क्षेत्रीय दलों (10 regional parties) ने चुनावी बांड (Electoral Bonds) के जरिये 2021-22 में 852.88 करोड़ रुपये चंदा (852.88 crore rupees donation received) प्राप्त होने की घोषणा की है। चुनावी सुधार (Electoral Reforms) के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) (Non Government Organization – NGO) ने यह जानकारी दी।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट में कहा कि इस वित्त वर्ष में 36 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 1,213 करोड़ रुपये रही। रिपोर्ट ने 2021-22 के दौरान 54 क्षेत्रीय दलों में से 36 दलों की कुल आय और व्यय का विश्लेषण किया। यह विश्लेषण इन दलों द्वारा भारत निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध कराई गई उनकी लेखा परीक्षा रिपोर्ट के आधार पर किया गया।
इसमें कहा गया है, ”दस क्षेत्रीय दलों – द्रमुक, बीजद, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस, जदयू, सपा (समाजवादी पार्टी), आप, शिअद (शिरोमणि अकाली दल), एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमंतक पक्ष) और तेदेपा- ने 2021-22 के लिए 852.88 करोड़ रुपये के चुनावी बांड के माध्यम से चंदा प्राप्त होने की घोषणा की।”
टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) का बाद में नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया था। यह दल तेलंगाना में सत्ता में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दलों में से तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने सबसे अधिक 318 करोड़ रुपये आय होने की सूचना दी है, जो विश्लेषण में शामिल सभी दलों की कुल आय का 26.27 प्रतिशत है। इसके बाद बीजद ने 307 करोड़ रुपये और टीआरएस ने 218 करोड़ रुपए आय की घोषणा दी।
शीर्ष पांच दलों की कुल आय 1024.424 करोड़ रुपये या विश्लेषण में शामिल राजनीतिक दलों की कुल आय का 84.44 प्रतिशत रही। विश्लेषण के अनुसार, 2020-21 और 2021-22 के लिए जिन दलों संबंधी आंकड़े उपलब्ध हैं, उनमें से 20 दलों की आय में वृद्धि हुई और 15 दलों ने अपनी आय में गिरावट दिखाई है।
35 दलों की कुल आय 2020-21 में 565.424 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 1,212.708 करोड़ रुपये हो गई, जो कुल 114.48 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्ष 2021-22 के लिए 36 क्षेत्रीय दलों का कुल घोषित खर्च 288 करोड़ रुपए रहा। शीर्ष पांच दलों द्वारा किया गया कुल खर्च 176.779 करोड़ रुपये या 36 राजनीतिक दलों द्वारा बताए गए कुल खर्च का 61.35 प्रतिशत है।
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