- मामले में आरोपियों को कोर्ट ने जमानत देकर राघवी थाने के जाँच अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया
उज्जैन। हनी ट्रैप व सामूहिक दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने राघवी थाने के जांच अधिकारी को बदलने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने आइजी संतोष कुमार सिंह को पूरे मामले की जांच की निगरानी करने और सक्षम व बड़े पद के अधिकारी से जांच कराए जाने के आदेश भी दिए हैं। महिला की शिकायत पर जनवरी में राघवी पुलिस ने पंचायत सचिव व किस्तान के खिलाफ केस दर्ज किया था। अभिभाषक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि 12 जनवरी को एक महिला की शिकायत पर राघवी पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। महिला का आरोप था कि दोनों आरोपियों ने 10 जनवरी को उसे सुहागपुर फंटे पर बुलाया था और कार में उसके साथ दोनों ने दुष्कर्म किया था।
उमरावसिंह ने भी उसके साथ हरकत की थी दोनों आरोपियों का कहना था कि उन्हें दुष्कर्म के मामले में झूठा फंसाया गया है। महिला ने ही उन्हें बुलाया था और 35 हजार रुपये की माँग की। इसके लिए उन्हें हनी ट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेल किया जा रहा था। इसके लिए उन्होंने आडियो तथा वीडियो क्लिप भी दिए थे। मामले को लेकर कोर्ट ने दोनों आरोपितों को अग्रिम जमानत दे दी। वहीं प्रथम दृष्टया हनी ट्रैप का मामला हो सकता है। इसको लेकर कोर्ट ने आइजी को तत्काल प्रभाव से निर्देश दिए है कि वह राघवी थाने के विवेचक को बदले तथा किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को जांच सौंप दें। आइजी व्यक्तिगत रूप से जांच की प्रगति की निगरानी करेंगे तथा इसे किसी तार्किक निष्कर्ष पर पहुचाएंगे। यदि जाँच में यह पाया गया कि आरोपियों को ब्लैकमेल किया गया है तो ऐसे अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।