नई दिल्ली (New Delhi)। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था. इस साल हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti ) 6 अप्रैल को मनाई जाएगी. वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि इनका अवतरण छोटी दीपावली को हुआ था. हनुमान जी के जन्मोत्सव पर हनुमान जी की विशेष पूजा (special worship) उपासना करने का प्रावधान है. ऐसा करके हम अपने जीवन में आने वाली तमाम बाधाओं को दूर कर सकते हैं. इस दिन विशेष तरह के प्रयोगों से हम ग्रहों को भी शांत कर सकते हैं. शिक्षा, विवाह के मामले में सफलता, कर्ज और मुकदमे से मुक्ति के लिए यह दिन अति विशेष होता है. आइए जानते हैं कि हनुमान जयंती पर हनुमान जी के पूजन की सामग्री क्या है और पूजा का मुहूर्त क्या है.
हनुमान जयंती पूजन मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2023 Pujan Muhurat)
सुबह 06 बजकर 06 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक
सुबह 10 बजकर 49 मिनट से दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट तक
दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट तक
दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक से 03 बजकर 32 मिनट तक
शाम 05 बजकर 07 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक
शाम 06 बजकर 41 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक
ऐसे करें मंत्रों का जाप
हनुमान जी रुद्रावतार हैं. इसलिए उनके चमत्कारी मंत्रों का जाप करते समय रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए. वहीं, मंत्र जाप में तन और मन को हमेशा शुद्ध रखना चाहिए. मंत्रों का जाप करते समय उच्चारण का भिनखास ख्याल रखना चाहिए. जप करते समय कोई बाधा न हो इसलिए इसे जाप शांत जगह पर करें.
हनुमान जयंती शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2023 Shubh Muhurat)
इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 05 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 06 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 04 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार हनुमान जयंती 06 अप्रैल को ही मनाई जाएगी.
हनुमान जयंती की आवश्यक सामग्री
सिंदूर, लाल फुल, लाल फुल की माला, जनेऊ, कलश, चमेली का तेल, लाल कपड़ा या लाल लंगोट, गंगाजल, कंकु, जल कलश, इत्र, सरसों तेल, घी, धुप-अगरबती, दीप, कपूर, तुलसी पत्र, पंचामृत, नारियल, पिला फूल, चन्दन, लाल चन्दन, फल, केला, बेसन का लड्डू, लाल पेड़ा, मोतीचूर का लड्डू (Motichoor Laddoos), चना और गुड़, पान, पूजा की चौकी, अक्षत.
हनुमान जयंती पूजन विधि (Hanuman Jayanti Pujan Vidhi)
व्रत से पहले एक रात को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का स्मरण करें. अगले दिन प्रात: जल्दी उठकर दोबारा राम-सीता एवं हनुमान जी को याद करें. हनुमान जयंती प्रात: स्नान ध्यान करने के बाद हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें. इसके बाद, पूर्व की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें. विनम्र भाव से बजरंगबली की प्रार्थना करें. इसके बाद षोडशोपाचार की विधि विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें.
महत्व
हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का विशेष महत्व है. इसे देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हनुमान जयंती साल में दो बार सेलिब्रेट किया जाता है. पहली, हनुमान जी के जन्मोत्सव के रुप में चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. वहीं, साल की दूसरी हनुमान जयंती दिवाली से एक दिन पहले विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाई जाती है. यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाते हैं.
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