नई दिल्ली: सुरक्षा व्यवस्था (security system) को मद्देनजर रखते हुए केंद्र सरकार (Central government) बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती की तैयारी में है. केंद्र सरकार का ये कदम केंद्र और दोनों गैर बीजेपी शासित राज्यों के बीच तकरार का नया मुद्दा होगा. क्योंकि राज्य जहां इन घटनाओं को साजिश बता रहे हैं, वहीं केंद्र के मुताबिक प्रदेश सरकार की मदद के लिए केंद्रीय बलों को भेजा गया है. बिहार में केंद्रीय बलों की तैनाती हो चुकी है, जबकि पश्चिम बंगाल के लिए योजना बनाई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के हालात को लेकर प्रदेश की विपक्षी पार्टी के नेता केंद्र को कानून व्यवस्था की खराब स्थिति और हिंसा की घटना की एनआईए जांच के मुद्दे पर चिट्ठी लिख चुके हैं. इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कानून व्यवस्था को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से भी बात की है. इन दो घटनाक्रम के बाद बिहार की तर्ज पर पश्चिम बंगाल में भी केंद्रीय बलों की तैनाती की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है. ये बल हिंसाग्रस्त इलाकों में जाएंगे और राज्य पुलिस की मदद करेंगे.
इन राज्यों में भेजे जाने वाले सुरक्षाबलों की संख्या और तैनाती की जगह पर अंतिम निर्णय होना अभी बाकी है. हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय बलों की अब तक मांग नहीं की है, लेकिन प्रदेश बीजेपी के नेता राज्य पुलिस की नाकामी बताकर लगातार इसकी भी मांग कर रहे हैं. इससे पहले बिहार के हालात के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने केंद्रीय बलों के 1000 जवानों की तैनाती राज्य में की है. जो सासाराम, नालंदा सहित हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनात हैं. यहां के हालात पर भी गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यपाल से बात कर जानकारी ली थी.
बिहार पुलिस भी लगातार इस मामले में कार्रवाई की बात कह रही है और 40 से ज्यादा लोगों के गिरफ्तार होने का दावा कर रही है. लेकिन दोनों राज्यों में हिंसा के बाद केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय लगातार परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं. केंद्रीय बलों की चार रिजर्व कंपनियों को भी अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है. कुल मिलाकर केंद्र सरकार की प्राथमिकता यही है कि दोनों राज्यों में प्रशासन मुस्तैदी से काम करें और वहां हिंसा प्रभावित इलाकों में कानून व्यवस्था ठीक से काम करे.
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