नई दिल्ली (New Delhi)। हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti ) का त्योहार आने वाला है. हनुमान जयंती चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है. हनुमान जयंती बजरंगबली के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. इस बार यह त्योहार 23 अप्रैल दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. हनुमान जयंती पर बजरंगबली (bajrangbali) की पूजा-अर्चना से जीवन में बड़े से बड़ा संकट दूर हो सकता है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार हनुमान जयंती के दिन कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए.
सूतक काल में पूजा– हनुमान जी की पूजा (worship) कभी भी सूतक काल में नहीं करनी चाहिए. सूतक काल न सिर्फ ग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है, बल्कि घर में किसी की मृत्यु हो जाने पर भी यह मान्य होता है. किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर घर में 13 दिन के लिए सूतक काल लग जाता है. इस अवधि में हनुमान जी की पूजा वर्जित होती है.
स्त्रियों का स्पर्श-
हनुमान जयंती के दिन स्त्रियों को छूने या स्पर्श करने से बचना चाहिए. इस दिन ब्रह्मचर्या का बड़ी सख्ती से पालन किया जाता है. कहते हैं कि भगवान हनुमान स्वयं स्त्रियों के स्पर्श से बचते थे. अगर कोई महिला घर के मंदिर में पूजा कर रही है तो उन्हें भी बजरंगबली की प्रतिमा का स्पर्श नहीं करना चाहिए.
चरणामृत से स्नान-
बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे कि हनुमान जी की पूजा में कभी चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता है. हनुमान जयंती पर बजरंगबली को चरणामृत से स्नान कराने से बचना चाहिए. उनकी पूजा में चरणामृत चढ़ाने का विधान नहीं है.
काले-सफेद वस्त्र न पहनें-
बजरंगबली की पूजा करते समय भूलकर भी काले या सफेद रंग के वस्त्र धारण न करें. इसके परिणाम बहुत ही अशुभ हो सकते हैं. हनुमान जी की पूजा केवल और केवल लाल रंग के वस्त्र पहनकर करनी चाहिए.
टूटी या खंडित प्रतिमा-
हनुमान जयंती पर पूजा के लिए बजरंगबली की टूटी हुई या खंडित प्रतिमा का इस्तेमाल बिल्कुल न करें. अगर आपके घर के मंदिर में बजरंगबली की ऐसी कोई प्रतिमा है तो उसे फौरन हटा दें. बेहतर होगा कि ऐसी प्रतिमा को आप जल प्रवाहित कर दें.
नमक से परहेज-
हनुमान जयंती के दिन आपको नमक के सेवन से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा, आपको उन चीजों से भी परहेज करना चाहिए, जो इस दिन आपने दान में दी हों. हनुमान जयंती का उपवास रखने वालों को दिन में नहीं सोना चाहिए.
मांस मदिरा-
हनुमान जयंती के दिन मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए. शारीरिक संबंध बनाने से बचें. क्रोध में आकर किसी को अपशब्द ना कहें. द्वार पर आए लोगों का अपमान न करें.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना और लोक मान्यताओं के उद्देश्य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.
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