नई दिल्ली (New Delhi)। मसालों और दाल (Spices and pulses) की बढ़ती कीमत (Rising prices) ने जायके में महंगाई का तड़का (flavor of inflation) लगा दिया है। लाल मिर्च (red chillies), जीरा (cumin) और लौंग (cloves) की कीमतों में उछाल (Rise prices) देखने को मिल रहा है। जीरे की कीमतों में सबसे ज्यादा तेजी दिख रही है। यह अब तक के सबसे अधिक मूल्य पर बिक रहा है। व्यापारियों का कहना है कि देश के कई हिस्सों में बारिश की वजह से जीरे की पैदावार पर असर पड़ा। दूसरे जीरा भारत से बाहर भी बड़ी मात्रा में भेजा जाता है।
थोक के मुकाबले फुटकर में दाल, मसाले और सूखे मेवों की कीमतों में दोगुना का अंतर है। इसका सबसे ज्यादा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ रहा है। व्यापारी कहते हैं कि कुछ सामान की कीमतें फुटकर में थोक के मुकाबले दोगुनी हो जाती है।
थोक और फुटकर की कीमतों में अंतर
लाल मिर्च 280 400-500
जीरा 400 800-1000
लौंग 840 1500-1600
अरहर दाल 120 140-160
मूंगदाल छिलका 95 135-150
राजमा 130 160-180
चना काबली 80-90 140-160
चना देसी 52-60 90-120
छुहारा 250 400-500
अंजीर 1000 2400
किशमिश 200 300-400
मुनक्का 600-800 1000-1700
(दाम रुपये प्रति किलो में)
दालों और सूखे मेवों की कीमतों में भी तेजी दिख रही है। खारी बावली उत्तर भारत में मसाले, सूखे मेवा और दाल की सबसे बड़ी मंडी है। यहां के व्यापारी कहते हैं कि जीरे की कीमतों में इतना उछाल कभी नहीं देखा है। पिछले वर्ष इसका दाम 400 रुपये किलो के आसपास था, लेकिन इस वर्ष 840 से 900 रुपये प्रति किलो थोक में उपलब्ध है। सूखी लाल मिर्च बीते वर्ष 280 रुपये प्रति किलो के आसपास मिल रही थी। अब दाम 400 से 500 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। उधर, अरहर दाल की कीमत में भी अच्छी खासी तेजी देखने को मिल रही है। रविवार को मंडी में इसकी थोक कीमत 115 से 120 रुपये किलो रही।
दाम कम होने के आसार नहीं दलहन, मसालों और सूखे मेवों में आई तेजी कब कम होगी इसको लेकर कोई भी सटीक बातें सामने नहीं आ रही हैं। व्यापारियों का कहना है कि हो सकता है आने वाले दिनों में दाम में और भी तेजी देखने को मिले।
पाकिस्तान में संकट का असर सूखे मेव पर
थोक भंडार में कमी होने से अरहर दाल के दाम में 10 रुपए प्रति किलो तक तेजी आई है। गाजियाबाद किराना मंडी के थोक व्यापारी संजय गर्ग ने बताया कि पाकिस्तान से कई प्रकार के सूखे मेवे का आयात होता है। पाकिस्तान संकट के बाद छुहारा का आयात रुक गया है। इससे 200 रुपए किलो वाला छुहारा अब 400 रुपए किलो मिल रहा है। अंजीर 700 रुपए से 1200 रुपए किलो एवं मुनक्का 700 रुपए से 900 रुपए किलो तक पहुंच गया है। कारोबारियों ने बताया कि यह सभी सूखे मेवे अब गल्फ कंट्री के अलावा अफगानिस्तान से बाजार में आ रहे हैं।
किराना व्यापारी अंशुल गुप्ता ने बताया कि जीरे की फसल खराब होने से आवक प्रभावित हुई है। भारत विदेश में जीरा बड़ी मात्रा में भेजता है। लाल मिर्च का भाव बीते वर्ष शुरुआत में कम था, लेकिन बाद में तेजी आई। भाव में तेजी आने की उम्मीद से किसान सीमित संख्या में मिर्च मंडी में बेच रहे हैं।
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