नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच लगातार बयानबाजी जारी है. इस बीच AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री का मामला जब से सामने आया है पूरी बीजेपी बौखला गई है. यहां सारे नेता प्रवक्ता अपने पीएम की फर्जी डिग्री को साबित करने में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने जो पीएम की डिग्री सार्वजनिक कर दिखाईं है वो फर्जी थी. वो कई सवाल खड़े करती है.
दरअसल, आप सांसद ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि चुनाव आयोग कहता है कि यदि आप संपत्ति और डिग्री के बारे में गलत जानकारी देते हैं तो आपकी सदस्यता जाएगी. ऐसे में अगर मोदी जी की डिग्री की जांच-पड़ताल हुई तो सदस्यता भी जाएगी और कई सालों तक चुनाव लड़ने के लायक नहीं रहेंगे.
PM की डिग्री की जांच होने पर जाएगी सदस्यता
आप नेता ने संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर पीएम मोदी की डिग्री दिखाई, जिसमें उन्होंने कहा कि ये गृहमंत्री ने सार्वजनिक करते हुए बताया था कि मोदी जी ने गुजरात से MA किया था. उसमें स्पेलिंग में V की जगह B लिखा है. वहीं, दूसरा जिस फोंट में डिग्री है वो 1992 में आया है. जबकि, पीएम मोदी की डिग्री साल 1983 की है. वहीं, तीसरा खुद पीएम मोदी ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू ने बयान देते हुए था कि वो पढ़ें लिखे थे.
भ्रष्टाचार Adani तो PM के साथ जहाज में घूमता
संजय सिंह ने दावा है किया कि प्रधानमंत्री ने साल 1979 में बीए की और 1983 में MA कर ली थी, तो गुजरात के मुख्यमंत्री रहते 2005 में आपने ये बयान क्यों दिया कि पढ़ें लिखे थे. इसमें सच क्या है? हालांकि, गुजरात हाई कोर्ट का फैसला बहुत ही चौंकाने वाला है. CIC का आदेश था, जिसके खिलाफ यूनिवर्सिटी हाई कोर्ट गई और इसका जुर्माना सीएम अरविंद केजरीवाल पर लगाया गया. यानि कि पूरी दाल ही काली है.
वहीं, भ्रष्टाचार के मामले में संजय सिंह ने फोटो दिखाते हुए कहा कि क्या बोलें भ्रष्टाचार तो मोदी जी के साथ आसमान में घूम रहा है. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने आसमान से लेकर पाताल तक अडानी को सब कुछ दे दिया है मगर, JPC की कमेटी नहीं बनाई. चूंकि, घोटाले में पीएम मोदी और सरकार सिर से लेकर पांव तक डूबी हुई है.
संजय सिंह बोले- हिंसा करने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई
इस दौरान संजय सिंह ने कहा कि भगवान श्री राम की मर्यादा के खिलाफ जाकर गांधी जी के हत्यारे की फोटो लेकर घूम रहे हैं. हिंसा करने वाले चाहे किसी भी धर्म के हों.उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. हालांकि, अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि जो सरकारें नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती वो नपुंसक हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved