अमृतसर (Amritsar) । वारिस पंजाब दे जत्थेबंदी का कनाडा स्थित एनआरआई विंग संगठन के अध्यक्ष के खिलाफ हो गया है। एनआरआई विंग ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) को भावुक पत्र लिखकर मांग की है कि अमृतपाल की छह माह की गतिविधियों का मूल्यांकन करने के लिए कमेटी गठित की जाए। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अमृतपाल (amritpal) को सिख युवाओं और सिख पंथ को गुमराह करने के लिए दोषी एलान कर सिख धार्मिक मर्यादा (Sikh religious rites) के अनुसार कार्रवाई की जाए।
सिंह साहिब को लिखे कई पन्नों के पत्र में एनआरआई सदस्यों ने कहा है कि अमृतपाल कहता था कि वह अपने साथियों के लिए पहली कतार में खड़े होकर कुर्बानी देगा। उनको अकेला छोड़ कर नहीं भागेगा। पुलिस की पहली गोली अपनी सीने पर खाएगा। अगर उसके किसी साथी को पकड़ा जाता है तो वह अजनाला थाना घेराव जैसा ही बड़ा एक्शन करेगा।
पंजाब के युवाओं (youth of punjab) को अमृतपाल ने धर्म व पंथ के नाम पर गुमराह किया और अपने पीछे लगाकर, हालात को प्रभावित करने की कोशिश की।
जब पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब के युवाओं को उसके साथ जुड़े होने के कारण पकड़ना शुरू किया तो खुद फरार हो गया और अलग अलग वीडियो जारी कर सच्चा होने की कोशिश कर रहा है। सिख पंथ में भगोड़ाें के लिए कोई स्थान नहीं है।
पत्र में सिंह साहिब को एनआरआई विंग के सदस्यों ने कहा कि आप ने हालातों को समझते हुए सार्थक फैसले लिए और सरकार को चेतावनी देकर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए युवाओं को छुड़वाने में बढि़या भूमिका निभाई है।
अब पास से निवेदन है कि अमृतपाल की जांच के लिए कमेटी गठित की जाए और उसका असली सच पंथ के सामने लाया जाए। उन्होंने कहा कि वारिस पंजाब दे संगठन एक समाजिक जत्थेबंदी थी, जिसका नाम भी अमृतपाल ने खराब किया है। अमृतपाल की ओर से जो दो वीडियो जारी कर आप को निर्देश दिए गए हैं, उस पर विचार न किया जाए।
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