श्योपुर: मादा चीता ‘साशा’ (Sasha) की मौत के बाद श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) प्रबंधन अलर्ट मोड पर आ गया है. पार्क प्रबंधन (park management) अब 19 चीतों की 24 घंटे निगरानी कर रहा है. बता दें अब से छह महीने पहले कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाया गया है. नामीबिया (Namibia) से आठ चीतों को लाने के छह महीने बाद कूनो नेशनल पार्क से बुरी खबर आई. मादा चीता साशा की मौत की वजह बीमारी के बाद संक्रमण होना बताया जा रहा है. अब कूनो नेशनल पार्क के कर्मचारी और अधिकारी शेष 19 चीतों की 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं.
सोमवार को नामीबियाई से लाई गई पांच साल की मादा चीता साशा की मौत के बाद कई सवाल खड़े होने लगे हैं. जानकारी के अनुसार, मादा चीता किडनी और लिवर संक्रमण से जूझ रही थी. जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेचीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था. उसके बाद बीते महीने दक्षिण अफ्रिका से 12 और चीते लाए गए हैं. कुल मिलाकर चीतों की संख्या बढ़कर 20 हो गई थी. लेकिन सोमवार को एक मादा चीता साशा की मौत से कूनो नेशनल पार्क में शेष 19 चीते बचे हैं.
चार चीते खुले में घूम रहे हैं, तीन बड़े बाड़े में है और 12 चीते क्वारंटीन हैं. कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन के अनुसार सभी चीतों की सेहत का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन के अनुसार 23 जनवरी से मादा चीता साशा की हालत नाजुक होने लगी थी. बीमारी में साशा का विशेष ध्यान रखा जा रहा था. आखिरकार 64 दिन बाद साशा ने दम तोड़ दिया. 27 मार्च की सुबह साशा बाड़े में मृत पाई गई. साशा की मौत से कूनो नेशनल पार्क में उदासी छाई है.
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