उज्जैन: मध्य प्रदेश में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. न जाने उस मृतक और डॉगी के बीच क्या अटूट रिश्ता था कि वहां शव यात्रा के शुरू होते ही इसके पीछे पीछे श्मशान घाट पहुंच गया. यहां उसने मृतक को श्मशान घाट तक लाए गए शव के पास बैठकर और मृतक के शरीर से निकाले गए कपड़ों से लिपटकर ना सिर्फ आंसू बहाए बल्कि यह डॉगी श्मशान घाट पर तब तक बैठा रहा, जब तक कि यह चिता जलती रही. यह कोई कहानी नहीं बल्कि ये मामला उज्जैन जिले में नयापुरा इलाके का है.
यहां के रहने वाले मनीष कोठारी ने बताया कि नयापुरा निवासी कैलाश गेहलोत की मौत के बाद उनके घर से निकली अंतिम शव यात्रा में उनके घर के आसपास और गलियों में रहने वाला एक डॉगी अंतिम यात्रा में चक्रतीर्थ तक गया. ऐसे में जब मृतक कैलाश गहलोत को पंचतत्व में विलीन किया गया. तब यह डॉगी जलती चिता के सामने बैठकर बहुत देर तक अफसोस मनाता रहा.
डॉग की हरकत देख लोग हुए हैरान
वहीं, मृतक की शव यात्रा के साथ डॉग के चक्रतीर्थ शमशान घाट तक पहुंचने पर हर कोई हैरान था. जहां मोहल्ले के लोगों के साथ ही परिवार वाले भी यह नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर मृतक और डॉगी के बीच ऐसा क्या रिश्ता है. जो बेजुबान इस रिश्ते को निभाने के लिए श्मशान घाट तक पहुंच गया.
मृतक की जल रही थी चिता, डॉगी बहा रहा था आंसू
बता दें कि, जब मृतक युवक कैलाश की चिता जल रही थी तो उनकी मौत के गम में परिवार और शव यात्रा में शामिल लोग आंसू बहा रहे थे. इस बीच जब परिवार के लोग पंच लकड़ी देने के बाद घर की ओर लौट गए थे, तब भी यह डॉगी श्मशान घाट पर ही था.
3 किमी रास्ता तयकर डॉगी पहुंचा था श्मशान घाट
जिस तरह से हमें बेजुबान जानवरों से प्यार हो जाता है और हम उन्हें अपने परिवार का सदस्य मानकर ना सिर्फ उसका ध्यान रखते हैं. बल्कि उसके अच्छे बुरे समय में भी हमेश उसका ख्याल रखते हैं. वहीं, बेजुबान भी अपना ध्यान रखने वाले लोगों पर इतना ही प्यार रखते हैं. ऐसे में बेजुबान भी समय आने पर अपनी वफादारी दिखाना नहीं भूलते है. इस घटना में एक शख्स की मौत पर गली में घूमने वाला डॉगी लगभग 3 किलोमीटर तक पैदल चलकर श्मशान घाट पहुच गया था.
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