इंदौर (Indore)। एक आरक्षक (constable) के साथ ठगी हुई, लेकिन पुलिस ही उसकी सुनवाई नहीं कर रही है। दीपक प्रजापति (Deepak Prajapati) फस्र्ट बटालियन एसएएफ में आरक्षक है। उसने मल्हारगंज थाने में शिकायत की कि दिसंबर 2021 में उसने बंटी गोधा निवासी रामगंज को स्विफ्ट कार किराए से दी थी, जिसका एग्रीमेंट भी किया था। डेढ़ माह तक तो बंटी ने किराया दिया, लेकिन फिर किराया नहीं दे पा रहा था। जब दीपक बंटी के पास कार लेने के लिए गया तो वह आनाकानी करने लगा। कार में लगा जीपीएस बंद हो गया था। बंटी साथियों साथ कार खोजने की बात कहने लगा, लेकिन कार नहीं लौटाई। इस पर दीपक ने खुद कार के बारे में जानकारी निकाली तो कार मंदसौर के विनय सेठिया के पास मिली।
दीपक ने सेठिया से बात की तो उसने कहा कि नीमच के इमरान से उसने यह कार खरीदी थी, जिसका एग्रीमेंट भी है। इसके बाद दीपक इंदौर आरटीओ में जानकारी निकालने गया कि कार की एनओसी इन लोगों को कैसे मिल गई। उसने आरटीओ जितेंद्र रघुवंशी को शिकायत की, लेकिन संतुष्टिपूवर्क जवाब नहीं मिला तो उसने खुद जानकारी निकाली। दीपक का आरोप है कि कार की एनओसी में इंदौर आरटीओ से गड़बड़ी हुई है। क्लर्क अतुल वर्मा और एजेंट रिजवान की भूमिका संदिग्ध लगी तो दोनों से संपर्क किया। रिजवान कहने लगा कि यश केवड़ा मंदसौर आरटीओ के एजेंट कहने पर एनओसी दी। एआरटीओ अर्चना मिश्रा ने मामले में हस्तक्षेप किया, लेकिन दीपक को कार नहीं मिली। उसने मल्हारगंज थाने सहित सीएम हेल्पलाइन में मामले की शिकायत की और आरोप लगाए कि उसके साथ जालसाजी हुई है, लेकिन पुलिस बंटी से पूछताछ नहीं कर रही है।
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