लखनऊ: प्रयागराज (Prayagraj) की एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पहले माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसके थोड़ी देर बाद कोर्ट सभी आरोपियों को आजीवन करावास की सजा सुनाई है. जबकि अतीक के भाई अशरफ अहमद समेत सात आरोपियों को निर्दोष करार दिया.
पूर्व सांसद अतीक अहमद को 2005 में बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया है. स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने सोमवार को अपने फैसला में पूर्व सांसद और अन्य आरोपियों को आजीवन करावास की सजा सुनाई है. अतीक अहमद समेत तीनों दोषियों पर उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने उनपर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. यह जुर्माना उमेश पाल के परिवार वालों को दिया जाएगा.
अतीक अहमद को आईपीसी की धारा 364 A समेत कई धाराओं में दोषी करार दिया गया. जबकि अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को निर्दोष करार दिया है. अतीक समेत तीनों दोषियों को दोषी करार दिए जाने के बाद सुनवाई हुई. सुनवाई में अभियोजन ने अधिकतम सजा की सिफारिश करते हुए आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की. जबकि अतीक अहमद के वकील के ओर से माफिया की बीमारी, उम्र और जनप्रतिनिधि होने का हवाला देकर कम सजा की मांग की गई. इस मामले पर दोनों पक्षों में करीब एक घंटे तक बहस हुई.
11 आरोपियों पर चल रहा था केस
बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हुई हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का चश्मदीद था. उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था. अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र है. इस केस में अशरफ अहमद, फरहान, जावेद, इशार, आसिफ मल्ली और अंसार निर्दोष सिद्ध हुए. जबकि एक और आरोपी अंसार की मौत हो चुकी है. बता दें कि अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है.
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