इंदौर (Indore)। महिला एवं बालविकास विभाग (Women and Child Development Department) के परियोजना अधिकारियों और आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की चल रही हड़ताल के चलते वैसे ही लाड़ली बहना के लिए अमला कम पड़ रहा है, उस पर अब पटवारियों ने भी लाड़ली बहना में काम नहीं करने के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई है, लेकिन कलेक्टर का कहना है कि जब काम ही नहीं दिया तो मुक्ति कैसी।
सरकार द्वारा लाड़ली बहनों को 1 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाने की योजना में पहले से ही काम करने के लिए अमला कम पड़ रहा है। इंदौर जिले में पहले चरण में 6 लाख से अधिक बहनों के योजना के फार्म भराए जाना है, जिसके लिए नगर निगम द्वारा प्रत्येक वार्ड में दो सेन्टरों को बढ़ाकर चार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश पटवारी संघ ने कलेक्टर इलैया राजा टी को लाड़ली बहना योजना में काम नहीं करने को लेकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन पर कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि पटवारियों को इस योजना के तहत जब कोई काम दिया ही नहीं गया तो पृथक रखने की बात कहां से आती है, जबकि पटवारियों ने कहा कि उन्हें योजना की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपकर कार्य करने के लिए बाधित किया जा रहा है।
10 सालों से मानदेय नहीं मिला
मध्यप्रदेश पटवारी संघ जिला शाखा के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार परिहार ने बताया कि कृषि विभाग की योजना के तहत पटवारियों ने संगणना का काम किया, लेकिन दस सालों से कृषि संगणना की मानदेय राशि नहीं दी जा रही। अब फिर से कृषि संगणना का कार्य शुरू किया जा रहा है, जिसकी प्रक्रिया सरकार ने ऑनलाइन कर दी है। जिसके लिए पटवारी संघ नए मोबाइल फोन दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
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