इंदौर (Indore)। शहर में पुलिस कमिश्नरी (Police Commissionerate) लागू होने के बाद भी कुछ थानों में अपराध रुक नहीं रहे हैं। अपराध में नंबर वन बाणगंगा थाने (Forest Banganga Police Station) में तीन माह में 525 केस दर्ज हुए हैं तो नंबर दो लसूडिय़ा में 414 केस दर्ज हुए हैं, जो शहर के कुछ थानों से दोगुना तो कुछ से तीन गुना हैं।
कई सालों से शहर में अपराध में नंबर वन पर बाणगंगा और दो नंबर पर लसूडिय़ा थाना चल रहे हैं। पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद अपराधों को रोकने के लिए इन दोनों थानों को तोडक़र नए थाने बनाने का प्रस्ताव तत्कालीन पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने भेजा था। बाणगंगा तो तोडक़र सुपर कॉरिडोर तो लसूडिय़ा को तोडक़र महालक्ष्मीनगर थाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया था, लेकिन छह माह हो जाने के बाद भी यह नए थाने नहीं बने हैं। इसके चलते यहां अपराधों का ग्राफ रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
इस साल में ये दोनों थाने नंबर वन और टू पर चल रहे हैं, जबकि शहर में बाकी थानों में तीन माह में जहां दो सौ से ढाई सौ केस तीन माह में दर्ज हुए हैं, जबकि कुछ थाने जैसे सराफा, कोतवाली, छोटी ग्वालटोली, छत्रीपुरा में तो तीन माह में सौ से भी कम अपराध दर्ज हुए हैं। बताते हैं कि नए पुलिस कमिश्नर ने एक बार फिर मुख्यालय को प्रस्ताव तुरंत मंजूर कर नए थाने शुरू करने के लिए पत्र लिखा है, ताकि अपराधों पर नियंत्रण हो सके।
रोजाना शहर में दर्ज होती है 70 से 80 एफआईआर
मिनी मुंबई के नाम से पहचाने जाने वाले इंदौर शहर में अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते यहां पुलिस कमिश्नरी भी लागू की गई है, लेकिन अभी भी 70 से 80 केस रोजाना दर्ज होते हैं। इस हिसाब से हर माह दो हजार के लगभग और साल में 24 हजार केस दर्ज होते हैं। यह सिलसिला अभी भी जारी है।
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