नई दिल्ली (New Delhi) । संसद (Parliament) के दोनों सदनों से बजट संबंधी वित्तीय कामकाज को मंजूरी दिए जाने के बाद संसद सत्र (Parliament session) के समय से पहले समाप्त होने की संभावना बढ़ गई है। संकेत हैं कि इसी सप्ताह दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाए। विपक्ष व सत्तापक्ष (opposition and ruling party) के भारी हंगामे के कारण बजट सत्र का दूसरा चरण बुरी तरह बाधित हुआ और जरूरी वित्तीय कामकाज को ही मंजूरी दी जा सकी।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सत्तापक्ष व विपक्ष दोनों के हंगामे से बाधित रहा। कांग्रेस समेत विपक्षी दल अडानी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग कर रहे हैं तो भाजपा ने विदेश में दिए बयान पर राहुल गांधी से माफी मांगे जाने की मांग को लेकर हंगामा किया। अब राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद सत्ता पक्ष का रुख नरम पड़ा, लेकिन विपक्ष के तेवर और तीखे हो गए हैं। ऐसे में पूरे चरण में हंगामे के बीच वित्तीय कामकाज ही निपटाया जा सका है।
संसद का बजट सत्र छह अप्रैल तक है, लेकिन लगातार हंगामे के कारण अब सत्र के आगे चलने की संभावना बहुत कम है। विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों के संकेत हैं कि इसी सप्ताह सत्र को समाप्त किया जा सकता है। वैसे भी आने वाले दिनों में कई छुट्टियां हैं। इस सप्ताह में गुरुवार को राम नवमी है और उसके बाद शुक्रवार को निजी सदस्य विधेयक होने से आधा दिन ही रहता है।
इसके बाद शनिवार व रविवार हैं। ऐसे में कई सांसदों ने एक दिन की छुट्टी करने की मांग की हुई है ताकि उनको चार दिन क्षेत्र में जाने का मौका मिल सके। अगले सप्ताह भी सोमवार को कामकाज के बाद मंगलवार को फिर अवकाश है। ऐसे में 30 मार्च से छह अप्रैल तक के आठ दिनों में चार छुट्टी के दिन हैं।
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