नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India -RBI) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (bi-monthly monetary policy committee) (एमपीसी) की समीक्षा बैठक तीन अप्रैल से शुरू होगी। रिजर्व बैंक की तीन दिनों तक चलने वाली ये बैठक छह अप्रैल को नीतिगत ब्याज दर संबंधी फैसले (policy interest rate decisions) के साथ खत्म होगी। आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी (0.25 percent increase in repo rate) कर सकता है।
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि आरबीआई की अगली एमपीसी बैठक में रेपो दर में 0.25 फीसदी की एक और वृद्धिकर सकता है। जानकारों का मानना है कि खुदरा महंगाई दर के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच रिजर्व बैंक एमपीसी की समीक्षा बैठक यह फैसला कर सकता है। दरअसल यह वित्त वर्ष 2023-24 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति के निर्धारण संबंधी सर्वोच्च संस्था मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक समीक्षा बैठक 3 अप्रैल से छह अप्रैल तक चलेगी। रिजर्व बैंक मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि का रुख अपनाया हुआ है। इस दौरान रेपो दर चार फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी है। आरबीआई ने गत फरवरी में संपन्न एमपीसी बैठक में रेपो दर में 0.25 फीसदी का इजाफा किया था। आगामी वित्त वर्ष में आरबीआई कुल छह एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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