नई दिल्ली (New Delhi) । भारतीय मूल के अमेरिकी राजनेता रो खन्ना (American politician Ro Khanna) ने 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी ठहराए जाने के फैसले के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता खत्म करने की निंदा की थी। सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें जमकर घेरा। फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री (Filmmaker Vivek Agnihotri) ने उनसे पूछा क्या आपके दादाजी वह शख्स नहीं थे जिन्होंने आपातकाल पर इंदिरा गांधी का समर्थन किया था? हमेशा फासीवादी फैसलों के लिए खड़े रहे? उन्हें याद दिलाया गया कि उनके दादा अमरनाथ विद्यालंकार आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी के समर्थक थे। इसका जवाब देते हुए रो खन्ना ने कहा कि उनके दादाजी ने जेल में बलिदान दिया था।
उन्होंने लिखा, “यह देखकर दुख होता है कि लोग लाला लाजपत राय के साथ काम करने वाले मेरे दादाजी को बदनाम कर रहे हैं। उन्हें 1931-32 और 1941-45 में जेल हुई थी। उन्होंने आपातकाल का विरोध करते हुए इंदिरा गांधी को दो पत्र लिखे। वह संसद से तुरंत बाहर निकल गए।” रो खन्ना ने आलोचनाओं पर पलटवार करते हुए कहा, ”मुझ पर हमला करो। भारत के स्वतंत्रता सेनानी पर हमला नहीं करो। तथ्य मायने रखते हैं।”
आपको बता दें कि रो खन्ना ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद के सदस्य के रूप में अयोग्यता को गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात करार दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस फैसले को वापस लेने का आह्वान किया था।
रो खन्ना ने लिखा था, “संसद से राहुल गांधी का निष्कासन गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है। यह वह नहीं है जिसके लिए मेरे दादाजी ने जेल में वर्षों की कुर्बानी दी थी। पीएम नरेंद्र मोदी आपके पास भारतीय लोकतंत्र की खातिर इस फैसले को पलटने की शक्ति है।”
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