इंदौर। इंदौर (Indore) के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya University) के वार्षिक दीक्षांत समारोह (annual convocation) में शनिवार को 71 विद्यार्थियों को गोल्ड,10 को सिल्वर मेडल दिए और 142 पीएचडी उपाधि दी गई। मालवीय पगड़ी, कुर्ता और जैकेट पहने विद्यार्थी मेडल लेने आए थे और उनके चेहरों पर सफलता की मीठी मुस्कान (sweet smile) थी।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए युवा बड़े सपने देखे। विश्वविद्यालय बच्चों को अच्छे संस्कार भी दें ताकि युवा देश और समाज के खिलाफ काम न करे। युवा देश की जड़ो से जुड़े रहे,क्योकि यह जड़े ही जीवन की संजीवनी है। खुद के कैरियर के साथ समाज का भी कैरियर बनाए। आपकी शिक्षा का लाभ देश और समाज को कैसे मिले। इसका चिंतन भी जरुरी है। सांसद शंकर लालवानी ने समारोह में कहा कि आने वाला समय मे देश आजादी के 100 वर्ष मनाएगा, तब हमारा देश विश्व का नेतृत्व करेगा। उसमें देश के युवा वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। शिक्षित युवा ही देश को प्रगति के पथ पर ले जा सकता है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन टीजी सीताराम ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था, अटल जी ने नारे में जय विज्ञान जोड़ा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जय अनुसंधान पर जोर दे रहे है। अब देश के विश्वविधायलय रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे है। यह आने वाले समय की जरुरत है। कुलपति ने रेणु जैन ने कहा कि शिक्षा जीवन का वो उज्जवल पक्ष है, जो जीवन को सफल बनाता है और भविष्य तय करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को शपथ भी दिलाई। समारोह का संचालन कुलसचिव अजय वर्मा ने किया।
दिक्षांत समारोह में 91 गोल्ड दिए गए। 66 गोल्ड लड़कियों को मिले। समारोह मेें अंग्रेजी विषय मेें डीलिट की डिग्री पाने वाली प्रिंयका पसारी को भी उपाधि दी गई। 1964 से शुरू हुए विश्व विद्यालय के 59 सालों के इतिहास में पहली बार इस विषय मेें किसी को उपाधि मिली।प्रियंका ने कहा कि पीएचडी के बाद मेरा सपना था कि मैं डीलिट करूं। मुझे खुशी है कि अंग्रेजी साहित्य में डीलिट पाने वाली पहली शोधार्थी बन गई।
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