नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस की है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी आदत के मुताबिक भटकाने की कोशिश की और वह उनकी बेबुनियाद बातों का जवाब देने आए हैं. राहुल गांधी अयोग्य करार दिए जाने वाले अकेले नेता नहीं हैं, बल्कि बीजेपी के 6 नेता समेत कुल 32 नेता अयोग्य करार दिए गए हैं. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को बलिदानी बताना चाहती है और कर्नाटक में उनको अयोग्य करार दिए जाने वाले मुद्दे को भुनाना चाहती है.
बीजेपी नेता और पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी का एक पुराना बयान दिखाते हुए कहा कि झूठ बोलना राहुल गांधी की फितरत है. भारत के लोकतंत्र का अपमान करना, भारत के संस्थाओं का अपमान करना, भारत के जनमत का अपमान करना उनकी आदत हो गई है… और ‘मोदी जी’ पर तो न जाने क्या-क्या बोलते हैं. रविशकंर प्रसाद इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने राहुल के पुलवामा हमले, लोकतंत्र, चीन पर दिए बयानों का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी विदेश जाकर ‘इस तरह की घटिया बयानबाजी’ करते हैं.
2019 में राहुल गांधी ने सोच-समझकर मोदी समाज का अपमान किया
रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के ‘सोच समझकर’ बोलने वाली बात का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मतलब है कि राहुल गांधी ने 2019 में जो भी बोला था, वो सोच-समझकर बोला था. उनहोंने कहा कि आलोचना करने का अधिकार है लेकिन गाली देने का अधिकार नहीं है. राहुल गांधी ने गाली दिया था, बेइज्जती की थी. राहुल गांधी को भी कोर्ट जाने का मौका मिला, वकील मिले, सुनवाई हुई… राहुल गांधी से पूछा गया कि वह माफी मांगेंगे, लेकिन नहीं मांगी. राहुल गांधी ने 2019 में पिछड़ों का अपमान किया था, जिससे मोदी समाज के लोग काफी दुखी हुए.
कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील क्यों नहीं किए?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जानबूझकर पिछड़ों का अपान किया है और बीजेपी इसके लिए देशभर में आंदोलन करेगी. राहुल गांधी के पास तो बड़े-बड़े वकीलों की फौज है, और कई बड़े वकील तो राज्यसभा में हैं कांग्रेस की तरफ से… लेकिन फिर भी वह कोर्ट नहीं गए, हाई कोर्ट नहीं गए, अपील नहीं की. उन्होंने कहा का साफ नियम है कि अगर किसी नेता को दो साल की सजा होगी तो आप तुरंत अयोग्य हो जाएंगे. रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि आखिर कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की अपील क्यों नहीं की गई…. साफ है कि उन्होंने जान बूझकर ऐसा नहीं किया.
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